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हर साल लाखों लोग युपीएससी (UPSC) की परीक्षा देते हैं परंतु उनमें से सफल कुछ ही हो पाते हैं। परीक्षा में शामिल हर कैंडिडेट की अपनी एक अलग ही कहानी होती हैं। आज हम उन लाखों कैंडिडेट्स में से एक कैंडिडेट के सफलता की कहानी आपको बताएंगे जिनका नाम अर्तिका शुक्ला (IAS Artika shukla) है। तो आइए जानते हैं अर्तिका शुक्ला के बारे में कि कैसे हुआ एमबीबीएस के बाद चुनी यूपीएससी की राह और फिर बनी आईएएस ऑफिसर.

‌अर्तिका शुक्ला ( IAS Artika shukla),काशी (Kashi) की रहने वाली हैं। इनके पढ़ाई की शुरूआत सेंट जॉन स्कूल (St. John’s School) से हुई। वह शुरू से ही पढ़ाई में अच्छी थी, यहाँ तक की वह हर क्लास में अव्वल आती थी। यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा। उसके बाद अर्तिका ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College) से एमबीबीएस (MBBS) किया। इनका यह सफर यहीं नहीं रुका। एमबीबीएस करने के बाद अर्तिका ने पीजीआईएमईआर से एमडी भी की, जिसमे उनका चयन भी हो चुका था। और उसके बाद भी उसने अपनी पढ़ाई को नहीं रोकी और आगे बढ़ती रहें और बनी आईएएस ऑफीसर

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आईएएस अर्तिका के पिता बृजेश शुक्ला (Brijesh Shukla) एक डॉक्टर हैं। उनकी माँ लीना शुक्ला (Leena Shukla) होममेकर हैं। इनके दो भाई हैं गौरव शुक्ला (Gaurav Shukla) और उत्कर्ष शुक्ला (Utkarsh Shukla)। वे दोनों युपीएससी ( UPSC Exam)की परीक्षा पास कर चुके हैं। गौरव आईएएस (IAS) ऑफिसर हैं तथा उत्कर्ष आईआरटीएस (IRTS) ऑफिसर हैं। गौरव ने अपने लाखो की कोचिंग छोड़ अर्तिका को युपीएससी की परीक्षा देने की सलाह दी। और इनके पिता और उनके भाई ने इसकी पढ़ाई में बहुत सारी योगदान दें और अपनी पढ़ाई की कार्तिका का पूरा सारे अपने माता पिता और भाई को देती है |

‌अर्तिका ने एमडी को बीच में ही युपीएससी (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी। इन्होंने इसके लिए कोचिंग नहीं किया परंतु उनके भाई ने उनकी पूरी मदद की। अर्तिका में देश के लिए कुछ करने का ऐसा जुनून था कि इन्होंने पहले ही अटेम्प्ट में चौथे (04) रैंक के साथ वर्ष 2015 में एआईआरवर्ष (AIR) के लिए चयनित हुई।

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‌अर्तिका का कहना हैं कि, युपीएससी (UPSC Exam) की परीक्षा में सबसे ज्यादा जरूरी हैं कड़ी मेहनत करना। वे बताती है कि, यह जरूरी नहीं कि एक दिन में कोई 14 से 16 घंटे तक पढ़ाई करें, आप 5 से 6 घंटे तक पूरे फोकस से पढ़े तो युपीएससी की परीक्षा पास की जा सकती है। इसके लिए इरादा पक्का और हौसले बुलंद होना बहुत जरूरी है। उनका कहना हैं कि, जनरल एबिलिटी टेस्ट में काफ़ी नॉर्मल से प्रश्न आते हैं। इसके लिए यदि आप कक्षा 12वीं तक की एनसीईआरटीज़ अच्छे से पढ़ चुके हैं 

और समसामयिक घटनाओं के बारे में भी आपको अच्छी जानकारी हैं तो इस परीक्षा में पास होने से कोई नही रोक सकता हैं। आपको मेन्स में आने वाले टॉपिक्स पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, इसके लिए आपको अपनी अंग्रेज़ी अच्छी रखनी होगी। रोजाना अख़बार पढ़े। साइंस टेक्नोलॉजी, एनवायमेंट एंड इकोलॉजी सब्जेक्ट तथा करेंट अफेयर्स ज़रूर पढ़ें और रोजाना 20 से 25 टेस्ट पेपर तो जरूर हल करें।

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मेन्स का सिलेबस का तो कोई अंत ही नही है। इसलिए प्री के साथ ही इसकी तैयारी शुरू कर दें साथ ही एवरेज स्टूडेंट से अच्छे अंक लाने के लिए अपने आंसर्स को इंप्रूव करने की लगातार कोशिश करें। वही ऑप्शनल चुनें जिस में आपकी रुचि हो। अर्तिका ने मेडिकल साइंस चुना था।

‌अर्तिका शुक्ला का कहना है कि, इंटरव्यू में आत्मविश्वास होना बहुत ही जरूरी है। वह बताती हैं कि, यदि आपको पूछे गए कोई सवाल का उत्तर आपको नहीं आ रहा हो तो आराम से बिना घबराए सॉरी बोल दीजिये। इंटरव्यू में आपके नॉलेज का टेस्ट नहीं, बल्कि आपका पर्सनैलिटी टेस्ट होता है, उन्हें पता है कि नॉलेज से ही आप इंटरव्यू तक पहुँचे हैं, तो पर्सनेलिटी डेवलपमेंट करें। यदि आप चाहें तो कुछ मॉक इंटरव्यू भी दे सकते हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...