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कुछ लोग ज़िन्दगी में कुछ ना करके भी बहुत कुछ कर जाते हैं। अब तक ऐसी बातें आपने केवल किताबों या कल्पनाओं में ही सुनी होगी। लेकिन आज हम सातवीं फेल एक ऐसे ही बच्चे की कहानी आपको बताने जा रहे हैं जो वाकई कुछ किए बिना भी बहुत कुछ कर गया है।इस बच्चे की कहानी जानकर आप भी शायद काबिलियत के प्रति अपना नज़रिया बदल लेंगे।

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क्योंकि अब तक हम अपने बच्चों को यही समझाते आए हैं कि जो लोग स्कूल-कॉलेज में टॉप करते हैं वही काबिल होते हैं। आइए जानते हैंक्या है इस बच्चे की कहानी और आख़िर कौन-सा कारनामा कर इस बच्चे ने बनाई है अपनी अलग पहचान।रोहित (Rohit) कामरेज तालुका के खोलवाड़ गाँव के रहने वाले हैं। इनकी उम्र 45 साल है।

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बताते हैं कि पढ़ाई-लिखाई में मन ना लगने के चलते इन्होंने सातवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया था। स्कूल छोड़ने के बाद इन्होंने आगे चलकर छोटी ही इंजीनियरिंग वर्कशॉप खोल ली। जिसमें अभी 20 लोग काम करते हैं।यह सीलिंग फैन Gyroscopic Movement और Precession के सिद्धांत पर काम करता है। जिसके बीच में गोल छर्रे इस तरह से लगाए जाते हैं कि ये बिना दिक्कत के चारों तरफ़ घूम सके। जिससे कमरे में सभी को हवा लग सके।

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सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...