बिहार में मुखिया चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए ईवीएम से चुनाव करना संभव नहीं लग रहा है। अगर ऐसा होता है तो फिर बैलेट पेपर से ही चुनाव करवाने होंगें।
खबर के अनुसारबिहार पंचायत चुनाव अब M3 जेनेरेशन की EVM से नहीं होगा। EVM का निर्माण करनेवाली कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) ने NOC मिलने में हो रही लगातार देरी के बाद अब बचे समय में पंचायत चुनाव के लिए M3 जेनेरेशन की EVM को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं।
हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग अब भी EVM से चुनाव कराने के अपने फैसले पर कायम है। पंचायत चुनाव में की EVM का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। कोर्ट ने इस मामले को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाने के निर्देश दिये हैं। इसी निर्देश के तहत बुधवार को पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग और भारत निर्वाचन आयोग के बीच आमने-सामने की वार्ता हुई।
इस बातचीत में EICLके प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। इस बातचीत के दौरान ही EICLने बाकी बचे समय में नए डिजाइन की M3 जेनेरेशन की की EVM को अभी के हालात में दे पाने में असमर्थता जता दी।
M3 जेनेरेशन की EVM की खासियत यह है कि इनमें एक कंट्रोल यूनिट (CU) के साथ 8 बैलेट यूनिट (BU) का प्रयोग किया जा सकता है।.यानी एक साथ 8 वोट तक दिए जा सकते हैं।
पंचायत आम चुनाव में एक साथ 6 पदों के लिए ही मतदान कराया जाता है। अब जब यह तय हो गया है कि बिहार में M3 जेनेरेशन की EVM से चुनाव नहीं होंगे, ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग के पास दो विकल्प दिखाई दे रहे हैं। पहले विकल्प में आयोग बैलेट से चुनाव कराने की ओर जा सकता है,
जिसकी संभावना अभी नहीं दिख रही। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेन्द्र राम का यह कहना है कि आयोग अब भी EVM से चुनाव कराने के फैसले पर कायम हैं। ऐसे में दूसरा विकल्प यह है कि आयोग मुखिया के पद का चुनाव EVM से करा ले और बाकी पदों का चुनाव बैलेट के जरिए कराए।