कच्ची दरगाह से बिदपुर के बीच बन रहे छह लेन पुल का निर्माण कार्य जून 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। केबल पर टिका हुआ (केबल स्टेयड) यह देश का सबसे लंबा पुल है। बुधवार को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने इस निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार भी उपस्थित थे।
स्थल भ्रमण के दौरान मंत्री को पुल निर्माण से जुड़ी तकनीकी जानकारी दी गई। पुल की प्रगति और भविष्य की कार्ययोजना को विस्तृत रूप से बताया गया। मंत्री ने पुल के निर्माण की गति को संतोषजनक बताया और कहा कि इसे जून 2023 तक पूरा कर लिया जाए। मंत्री ने कहा कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर पुल बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसलिए इसके निर्माण की प्रगति की समीक्षा नियमित अंतराल पर की जाए। खुद भी कार्य का जायजा लेने आता रहूंगा।
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पुलों के रखरखाव पर भी विचार किया। कहा कि लगभग 35 वर्ष के बाद भारत में पुलों के क्षतिग्रस्त होने का मामला सामने आता है। जबकि अमेरिका में 55 साल तो चीन में यह 24 साल है। इसलिए पुलों के रखरखाव के लिए विशेष नीति का होना जरूरी है। इस नीति से पुलों का रखरखाव बेहतर तरीके से हो सकेगा। आर्थिक संसाधन की भी बचत होगी।
उल्लेखनीय है कि लगभग 20 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण बिहार राज्य पथ विकास निगम करा रहा है। यह एलिवेटेड सड़क के रूप में बन रहा है जो पुल को एनएच-30 से जोड़ेगा। पुल का डिजाइन कोरिया की कंपनी सीएसटीएन ने तैयार किया है। देबू और एलएनटी कंपनी का संयुक्त उपक्रम इस पुल को बना रहा है। केंद्र से पैसा नहीं मिलने के कारण राज्य सरकार अपने पैसे से इसे बना रही है। पांच हजार करोड़ की इस योजना में लगभग तीन हजार करोड़ एशियन डेवलपमेंट बैंक से कर्ज के रूप में मिलेगा।
पुल की खासियत
- 19.6 किलोमीटर है पुल व एप्रोच रोड की लंबाई
- 9.76 किलोमीटर है केवल पुल की लंबाई
- 4998.40 करोड़ खर्च कर बनेगा यह पुल
- 10 मीटर हाई फ्लड लेबल से ऊंचा होगा पुल
- 16 जनवरी 2017 को पुल निर्माण हुआ शुरू
- जून 2023 तक पुल बनाने का है लक्ष्य
- 06 लेन का है गंगा नदी पर बन रहा यह पुल