किशनगंज टाउन थाना के शहीद थाना प्रभारी अश्विनी कुमार के घर से रविवार को एक साथ दो-दो अर्थियां निकलीं. एक शहीद दारोगा अश्विनी कुमार की और दूसरी उनकी मां उर्मिला देवी की.बात करते हुए शहीद की बेटी नैंसी ने कहा कि उन्हें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है.

उनके पिता की हत्या एक साजिश के तहत कराई गई है. इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी मां की स्थिति काफी खराब है, उनके दो छोटे भाई बहन हैं उनके परिजनों का कैसे गुजारा होगा.

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शहीद की बेटी ने कहा कि उनके पिता अश्विनी कुमार काफी ईमानदार और बहादुर थाना प्रभारी थे लेकिन पुलिस और अन्य लोगों ने मिलकर साजिश के तहत उसकी हत्या करवा दी. उनके गांव के लोगों ने कहा है कि इंस्पेक्टर मनीष कुमार सारे घटना के पीछे दोषी हैं. उन्हें बर्खास्त किया जाए और ऐसे पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर हत्या का मुकदमा कर तुरंत गिरफ्तार किया जाए.

सुरेश चौधरी ने कहा कि पूर्णिया क्षेत्र के चारों जिलों के सभी पुलिसकर्मी अपना एक दिन का वेतन शहीद अश्विनी कुमार के परिजन को देंगे. यह राशि लगभग 50 लाख रुपये होगी.

आईजी और कमिश्नर ने मृतक के परिजनों को हर तरह के इंसाफ और मदद दिलाने का आश्वासन दिया, इस मौके पर बनमनखी विधायक व पूर्व मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, उन्होंने कहा कि जब तक बिहार में किशनगंज में उसका एफआईआर नहीं होगा

तब तक बंगाल पुलिस से इंसाफ की उम्मीद करना बेमानी साबित होगी. अगर किशनगंज की पुलिस पीठ दिखाकर नहीं भागती तो आज शहीद अश्विन की हत्या नहीं होती.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...