बिहार में कोरोना के बढ़ते केस को लेकर सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों पर लॉकडाउन सरीखा कानून लगा दिया है. चैत्र नवरात्र की शुरूआत मंगलवार से हो रही है ऐसे में पुजारी और भक्त दोनों सरकार से मंदिरों को खोलने की मांग कर रहे है.
ऐसे में इस बार मंदिरों के पुजारियों ने भी कोरोना गाइडलाइन्स के साथ सरकार से मंदिरों को खोलने की अनुमति मांगी है. ऐसा ही एक मंदिर है बिहार की राजधानी पटना के गोलघर पार्क रोड के पास स्थित अखण्डवासिनी मंदिर जहां नवरात्रि के मौके पर हर साल भक्तों की काफी भीड़ जुटती है.
यहां 108 सालों से भी ज्यादा समय से अखण्ड़ ज्योति जल रही और यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. इस मंदिर के पुजारी विशाल तिवारी बताते हैं कि वैसे तो साल भर यहां श्रद्धालुओं का आना लगा रहता है.
उन्होंने कहा है कि जब सिनेमा हॉल खोले जा सकते हैं, रेस्टोरेंट खोले जा सकते हैं, दुकानों और निजी प्रतिष्ठानों को सीमित संख्या के साथ खोलने की अनुमति मिली है तो सरकार मंदिर को समिति संख्या के साथ खोलने की अनुमति दें.
राज्य भर के मंदिरों में पूजा पाठ करा कर जीवन यापन करने वाले पुरोहित वर्ग की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है, ऐसी स्थिति में नवरात्रि के अवसर पर भी धार्मिक स्थलों तथा मंदिरों को नहीं खोलने का निर्देश जारी कर मुख्यमंत्री पूरे पुरोहित समाज के साथ क्रूर व्यवहार कर रहे हैं.
उन्होंने 13 तारीख से लेकर 27 तारीख तक के मंदिर में होने वाले आयोजनों को सार्वजनिक किया है, इतना ही नहीं 21 अप्रैल को संध्या 7 बजे से लेकर 10 बजे तक अखंडवासनी मंदिर भंडारा भी आयोजित करेगी. उन्होंने कहा कि अखंडवासनी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक खुला रहेगा.