जब भी किसी लड़की की शादी होती हैं तो उसके लिए उसके जिंदगी का सबसे खास दिन होता है | ये इस शादी में जब पूरा परिवार साथ होता हैं | तो खुशियाँ दुगुनी हो जाती हैं. खासकर एक लड़की की शादी में उसका भाई बड़ा अहम रोल निभाता हैं. शादी की तैयारियों से लेकर बहन को इमोशनल सपोर्ट देने तक भाई की इस दौरान कई सारी जिम्मेदारियां होती है | और भाई के विना शादी अधूरी सी लगती है |
उधर लड़की के पिता को भी बेटे के होने पर बेटी की शादी में मदद मिल जाती हैं. हालाँकि बिहार के काराकाट में रहने वाले तेजनारायण सिंह की किस्मत में ऐसा नहीं लिखा था. दरअसल हाल ही में तेजनारायण सिंह की बेटी शशिकला की शादी थी. अपनी बहन की शादी के लिए तेजनारायण के बेटे और शशिकला के भाई कमांडो ज्योति प्रकाश निराला ने कई सपने सजा रखे थे. लेकिन दुर्भाग्यवश वे अपनी बहन की शादी देखने के लिए जिंदा नहीं रह सके और उनकी शहादत हो गई.
दरअसल ज्योति प्रकाश निराला ने बांदीपुरा मुठभेड़ में शहादत प्राप्त की थी. इस दौरान उनकी आतंकवादियों से जोरदार मुठभेड़ चल रही थी. ज्योति ने इस दौरान दो आतंकवादियों (कमांडर लखवी का भतीजा उबैद उर्फ ओसामा और महमूद के भाई) को मौत के घाट भी उतार दिया था |
इतना ही नहीं इस मुठभेड़ में उन्होंने अपने घायल साथियों की जान भी बचाई थी. हालाँकि इन सब के बीच वे भी शहीद हो गए. बेटे के गुजर जाने के बाद पिता को बड़ी चिंता थी. खासकर बेटी की शादी को लेकर वे काफी टेंशन में थे. हालाँकि ज्योति के साथी गरुड़ कमांडो ने पिता को बेटे की कमी महसूस नहीं होने दी.
जब बिहार के बदिलाडीह में शशिकला की शादी पाली रोड के सुजीत कुमार के साथ हो रही थी तो इस दौरान गरुड़ कमांडो के लोग भी आ गए. इस दौरान एक पुरानी परंपरा के चलते उन्होंने शशिकला के कदमो के नीचे अपनी हथेलियाँ रख उसे बिदाई दी. इस शादी के दौरान वायुसेना की गरुड़ टीम के 100 कमांडो सम्मिलित थे |
ये पूरा नजारा भावुक कर देने वाला था. शहीद ज्योति के पिता का कहना हैं कि गरुड़ कमांडो के आ जाने के कारण उन्हें शादी में बेटे की कमी महसूस नहीं हुई. वहीं दुल्हन बनी शशिकला को भी एक साथ 100 भाई मिल गए. ऐसे में पिता तेजनारायण सिंह ने गरूड कमांडो के प्रति आभार व्यक्त किया |