माँ तो आखिर माँ होती है मां बनने का सुख एक महिला के अलावा और कोई नहीं जान सकता। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं भारतीय संस्कृति में मां का स्थान सर्वोपरि है। हर व्यक्ति की पहली गुरु मां ही होती है | माँ ऐसी होती है जो अपने बच्चों का दर्द और मन की आवाज बिन बताए ही सुन लेती है। अगर कोई महिला पहली बार मां बनती है तो वह पल उसके जीवन का सबसे बड़ी ख़ुशी वाला बन जाता है। और माँ बनना महिलाओ के लिए सबसे बेहतरीन पल होता है |
अक्सर देखा गया है कि शादी के बाद सभी महिलाएं जल्द से जल्द मां बनना चाहती हैं। बहुत सी महिलाएं जल्दी मां बन जाती हैं तो कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो 45-48 वर्ष तक बच्चों को जन्म दे पाती हैं। उसके बाद उनके अंडाशय में अंडाणु बनना बंद हो जाता है, जिसकी वजह से बच्चे की उत्पत्ति नहीं हो पाती है। इसी बीच एक ऐसा मामला आया है जिसने विज्ञान को भी आश्चर्यचकित कर दिया है।
ऐसी स्थिति में एरामती मंगयाम्मा और राजाराव काफी निराश हो गए थे और उन्होंने संतान प्राप्ति की आस भी छोड़ दी थी परंतु ऐसा कहा जाता है ना कि भगवान के घर देर है, पर अंधेर नहीं। शादी के 54 साल बाद 74 साल की आयु में महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया।
वैसे देखा जाए तो 74 साल की उम्र में मां बनना किसी चमत्कार से कम नहीं है। शादी के सालों बाद इस कपल के साथ मानो चमत्कार ही हो गया है। आपको बता दें कि अगर किसी दंपत्ति को संतान नहीं होती है तो इसके लिए आईवीएफ तकनीकी का सहारा लिया जाता है, जो बेहद कारगर भी साबित होता है। इस महिला ने भी आईवीएफ का ही सहारा लिया और इसकी सहायता से 74 साल की आयु में दो बच्चों को जन्म दिया।
अगर आपको भी लगता है दुनिया माँ के बिना अधुरा है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताना !