क्या आपको लगता है कि गोवर से कुछ नहीं होने वाला गोबर भी आमदनी का एक बहुत बड़ा जरिया है आइए हम बताते हैं इन दोनों भाई का गोबर से करोड़पति बनने तक का सफर

दोनों भाइयों जिसका नाम है मुकेश साहनी और मनीष साहनी वह दोनों वर्मी कंपोस्ट का काम करते हैं और गोबर से लाखों रुपए कमाते हैं मुकेश बताते हैं कि जब हम गांव आया करते थे तो देखते थे कि गोबर का ढेर सड़क किनारे वैसे ही पड़ा रहता था |

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उनके दिमाग में एक दिन अचानक वर्मी कंपोस्ट बनाने का आइडिया आया है वह बताते हैं कि गांव के लोग गोबर को अधिक से अधिक goitha ठोक कर जलावन के काम में आते हैं |

बहुत लोग तो वैसे ही खेत में फेंक देते हैं और सड़क किनारे ढेर बना कर रखे रहते हैं उसी सब को देख कर मुकेश साहनी के दिमाग में एक दिन अचानक वर्मी कंपोस्ट बनाने का आईडिया आया

मनीष और मुकेश दोनों भाई बहुत अच्छी कमाई ही नहीं कर रहे है बल्कि वह दोनों भाई गोबर के अच्छे रेट भी दे रहे हैं उससे ग्रामीण को भी बहुत सारी फायदा हो रही है जैसे एक टेलर गोबर को पंद्रह ₹100 दे रहे हैं ऐसे में सारे ग्रामीणों उन्हें से गोबर बेच रहे हैं |

दोनों भाइयों का बिजनेस है गांव से चलकर शहर की ओर चल दिए और शहर से विदेशों में भी मांग की जा रही है मुकेश वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के साथ-साथ वह अब केचुआ पालने का भी बिजनेस कर रहे हैं |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...