द्वापरयुग में एक भाई ऐसा था जो कि अपने बहन बहनोई और भांजा के ऊपर अत्यधिक अत्याचार करता था । जिसको हम कंस मामा के नाम से जानते हैं और वहीं एक ऐसा कलयुगी मामा देखने को मिला ।जो अपने अधिकार वाली ज़मीन को अपने बहन बहनोई को दान कर दिया ।इतना ही नही बल्कि ढाई एकड़ भूमि को निबंधन भी करवा दिया और अपने घर के बगल में ही बहन को बसाया भी । इस भाई बहन ने अपने पवित्र रिश्ते को इस कलयुग में एक नया पैगाम दिया है।
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखण्ड स्थित परजुआर पंचायत के रामनगर गाँव के रहने वाले एक भाई ने हर समाज के वर्गों को एक नया पैगाम दिया । जो कि अपने हिस्सेदारी की ज़मीन अपने बहन को लिख दिया और रजिस्ट्रार के पास जाकर निबंधन भी करवा दिया। और तो और इतना ही नही बल्कि अपने गाँव में ही उसका घर भी बनाकर बसा भी दिया ।
आइये आपको मिलवाते हैं इस दयावान भाई से जो कि अपनी अधिकार वाली ढाई एकड़ ज़मीन को दान कर दिया ।यह रामचंद्र चौधरी है और अपने बहन बहनोई और भांजे पर अपना प्यार लुटाने में लगे हैं । जबकि इनको ख़ुद ही चार बेटे और एक पुत्री है ।फिर भी अपने अपने अधिकार वाली जमीन बहन के नाम लिख दिया । जिससे इस कलयुग में हर समाजों के बीच यह एक बहुत ही अच्छा संदेश जा रहा है ।
अपने बहन व बहनोई के नाम पर ढाई एकड़ जमीन लिखने के बाद रामनगर गाँव के आसपास के गावों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है । हर एक समाज के जवानों पर इन दोनों भाई बहन का प्यार छलकता है ।अब जरा इनके बहन और भांजे से मिलिये । यह काली देवी है और अपने भाई के प्यार देख रेख आज भी रो पड़ती है ।
जब साधना न्यूज़ के संवाददाता आलोक कुमार ने इन दोनों भाई बहन प्यार को देखा तो शौक़ कर गये । जब काली देवी से पूछा गया तो वह रोते रोते अपने भाई की कारनामें की तारीफ़ की । वहीं रामचंद्र चौधरी के भांजे ने भी कृष्ण के कंस मामा का जिक्र करते हुए कहा कि यह मामा मेरा सबसे अलग है ।
अब राज्य सरकार और न्यायपालिका भी माता पिता के संपति में बेटियों को भी अधिकार देने का आदेश जारी कर दिया है । उसी आधार पर एक दयावान भाई ने भी अपनी बहन को ढाई एकड़ की ज़मीन दान कर दिया ।जिससे सामाजिक वातावरण में यह एक नया संदेश है ।
अब यह दोनों भाई बहन हर समाज के लोगों को अपने बहन बेटियों को माता पिता के संपति में अधिकार देने की बात कहा है । जिससे हर बेटियों बहन की जिंदगी बहुत ही खुशहाली से कट जाये और अपने भाई की रक्षा के लिये ऊपर वाले दुआएं मांगती रहे ।