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राजधानी पटना की तर्ज पर बिहार के अन्य शहरों में भी एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे। खासकर वैसे शहर जहां अभी जाम की समस्या अधिक हो रही है। पहले चरण में ऐसे छह शहरों की पहचान की गई है। आने वाले दिनों में इस संख्या में वृद्धि होनी तय है।

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पटना की सड़कों पर एलिवेटेड रोड बनाने का परिणाम सार्थक दिख रहा है। कई इलाकों को जाम की समस्या से मुक्ति मिली है। लोग घंटों के बदले मिनटों में सफर तय कर रहे हैं।

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इसलिए पथ निर्माण विभाग ने एलिवेटेड रोड का दूसरे शहरों में भी विस्तार करने का निर्णय लिया है। विभाग ने पहले चरण में छह शहरों भागलपुर, बेगूसराय, गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर व गया की पहचान की है।

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इन शहरों में सड़कवार अध्ययन किया जाएगा। देखा जाएगा कि कौन-सा इलाका बहुत अधिक जाम की समस्या से जूझ रहा है। उन इलाकों की पहचान कर देखा जाएगा कि अभी उस सड़क की स्थिति कैसी है।

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चूंकि बाजार के बीच से गुजरने वाली सड़कों को और चौड़ा करना मुश्किल है। इसलिए संकीर्ण सड़कों के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाए जाएंगे ताकि बिना परेशानी के लोगों को जाम की समस्या से निजात दिलाई जा सके।

अधिकारियों के अनुसार एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में ही इन शहरों की सड़कों का अध्ययन किया जाएगा। प्रारम्भिक अध्ययन के बाद विभागीय स्तर पर इसकी मंजूरी ली जाएगी।

फिर डीपीआर तैयार होगा। विभाग की कोशिश है कि अगले साल मार्च के पहले इन शहरों में एलिवेटेड रोड का काम शुरू हो जाए ताकि आने वाले एक-दो वर्षों में उसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए। एलिवेटेड रोड बनाने में पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी।

गाड़ियों के आधार पर तय होती है सड़क की चौड़ाई
पीसीयू में देखा जाता है कि अमुक चौक-चौराहे से 24 घंटे में कौन-कौन व कितनी गाड़ियां गुजरती है।

साथ ही सात दिनों में गाड़ियों के गुजरने का का औसत क्या रहता है। गाड़ियों के अनुसार उसका अंक तय है। छोटी गाड़ियां, कार, ट्रक, बस आदि के लिए तय अंक के अनुसार देखा जाएगा कि वह कितना पीसीयू रहता है। इसी के आधार पर सड़कों की चौड़ाई तय होगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...