आजकल सब के पास पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट इत्यादि हैं। पर क्या आप जानते हैं कि किसी आदमी के मृत्यु हो जाने के बाद इन डॉक्यूमेंट और आईडी कार्डस का क्या किया जाता है? आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे। इसके लिए हमने बात किया मुम्बई के फेमस आर्थिक एक्सपर्ट रवि तनेजा जी से। तो आइए जानते हैं….

आधार कार्ड आज हमारे जीवन का आधार बन चुका है। हमारे सरकारी या गैर-सरकारी, हर तरह के कामों में इसका उपयोग होता है। मरणोपरांत इसके उपयोग के बारे में जब हमने तनेजा जी से पूछा तो उनका कहना था कि अभी तक UIDAI ने इसपर कोई स्पष्ट नियम नहीं बनाया है। हम चाहे तो मृतक के आधार कार्ड के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर नजदीकी आधार सेंटर में जमा कर सकते हैं। लेकिन इस विषय मे डिटेल्ड प्रोसीजर आना बाकी है।

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वोटर आईडी कार्ड के संबंध में रवि तनेजा जी का कहना है कि उपलब्ध नियमों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति मर जाता है तो वोटर आईडी को रद्द करने का प्रावधान है। इसके लिए मृतक के परिवार के कानूनी उत्तराधिकारी को वहां के स्थानीय चुनाव कार्यालय में जाकर फॉर्म 7 भरकर जमा करना होगा। कुछ कागज़ी कार्रवाई के बाद मृतक का आईडी कार्ड रद्द हो जाएगा।

पैन कार्ड के बारे में रवि तनेजा कहना है कि “पैन कार्ड” का प्रयोग अनेक कामों में किया जाता है। पैन कार्ड का उपयोग डीमैट एकाउंट, बैंक एकाउंट, इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) जमा करने में खास तौर पर किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न्स भरता था और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को उस मृत व्यक्ति का पैन कार्ड तुरंत इनकम टैक्स कार्यालय में जमा करना चाहिए।

पासपोर्ट के बारे में रवि तनेजा बताते हैं कि मरणोपरांत इसे रद्द करने का कोई प्रावधान नहीं है। वैसे भी पासपोर्ट की एक वैलिडिटी होती है, जिसके समाप्त होने पर यह स्वतः ही समाप्त हो जाता है। इसके अलावे इसका प्रयोग एड्रेस प्रूफ के रूप में भी किया जाता है। इसलिए उत्तराधिकारी को चाहिए कि स्मृति के तौर पर पासपोर्ट अपने पास रख ले।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...