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बिहार के बेगूसराय में सीआरपीएफ (CRPF) की नौकरी छोड़ एक जवान ने बायोफ्लॉक सिस्टम (Bioflock System) के तहत मछली उत्पादन का काम शुरू किया. इस मछली उत्पादन से CRPF जवान न सिर्फ लाखों रुपये कमा रहे हैं, बल्कि युवाओं को इस नई टेक्नोलॉजी से जोड़कर मछलीपालन के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं. सीआरपीएफ जवान के इस मछली पालन की आधुनिक तकनीक को देखने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह उत्पादन स्थल पहुंचे और प्लांट का जायजा लिया.

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सीआरपीएफ जवान राजीव कुमार के लिए बायोफ्लॉक सिस्टम से मछली उत्पादन काफी फायदे का सौदा बन गया है. राजीव इस आधुनिक तकनीक के जरिये लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं.

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राजीव जैसे युवा अपनी आधुनिक सोच के बल पर आज कृषि के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं. इसी योगदान का सर्मथन करते हुए सरकार मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए अनुदान भी दे रही है. बेगूसराय जिले के पिढौली गांव निवासी राजीव आज लोगों के लिए प्ररेणा का कारण बन गए हैं.

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राजीव कुमार ने बताया कि वह लगभग सात कट्ठे में 33 टैंक बनाकर मछली का उत्पादन कर रहे हैं. हर टैंक से छह महीने में लगभग पांच सौ किलो मछली का उत्पादन हो रहा है. उन्होनें बताया कि उनका लक्ष्य 100 टैंक बनाकर मछली उत्पादन करना है. राजीव का यह मानना है कि मछली पालन के लिए तालाब की जगह छोटी सी जमीन में भी टैंक बनाकर किसान मछली उत्पादन कर लाखों की कमाई कर सकते हैं.

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राजीव के बायोफ्लांक सिस्टम से न केवल बिहार के मछलीपालक प्रभावित हुए हैं, बल्कि बंगाल और नेपाल से भी लोग इस टेक्नोलॉजी का जायजा लेने आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पिढ़ौली पहुंचकर मछली उत्पादन केंद्र का जायजा लिया और राजीव कुमार की जमकर तारीफ की.

गिरिराज सिंह ने कहा कि उनका मंत्रालय किसानों की आय दोगुनी करने के लिए मछली पालन को बढ़ावा दे रहा है और इलके लिए काम भी कर रहा है. उन्होने कहा कि राजीव कुमार बिना कोई सरकारी मदद के इस सिस्टम से लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं, जो कि लोगों के लिए काफी प्रेरणादायक है.

इस पद्धति से मछली उत्पादन करने से किसानों की आमदनी दोगुनी नहीं, बल्कि छह गुनी हो जाएगी. राजीव कुमार थोड़े जमीन में मछली का उत्पादन कर रहे हैं, जो काबिले तारीफ है. इस सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए गिरिराज सिंह ने बिहार और केंद्र सरकार से मिलकर काम करने का दावा किया, ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके.

राजीव की इस सफल कोशिश से इतना तो तय है कि आने वाले दिनों मे राजीव का यह प्रयास कई क्षेत्रों में लोगों को रोजगार देने का काम करेगा. इस पद्धति का लाभ जिला सहित पूरे बिहार के लिए एक बड़ा संदेश साबित होगा.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...