“सुकून से जाना चाहती हूं, अल्लाह से दुआ करती हूं दोबारा इंसानों की शक्ल न दिखाए,
मोहब्बत हो तो दोनों तरफ से, एक तरफ की मुहब्बत से कुछ हासिल नहीं होता.
कुछ मुहब्बत निकाह के बाद भी अधूरी रहती है, ये प्यारी सी नदी से उम्मीद है कि अपनी आगोश में समा लेगी.
मेरे पीठ पीछे बखेड़ा मत खड़ा करना, मैं हवाओं की तरह बहना चाहती हूं. क्या पता मुझे जन्नत मिले या न मिले, लेकिन दुआ में याद रखना.”
आरोप है कि ससुराल वालों की प्रताड़ना और दहेज उत्पीड़न से तंग आकर उसके पास जान देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा.
खुदकुशी से पहले के वीडियो में दर्द, गम, गुस्सा और मुहब्बत का अभाव साफ झलक रहा है.
आयशा के दर्दनाक वीडियो ने समाज के हर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है.
लोग सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में अपनी राय रख रहे हैं. कुछ लोग जहां आयशा के कदम पर धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं,
वहीं कुछ यूजर ये भी सलाह दे रहे हैं कि जान देना कोई बहादुरी का काम नहीं.
शादी खत्म कर भी नई जिंदगी की शुरुआत की जा सकती थी.
घटना पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी प्रतिक्रिया दी है.
बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा,
“ये दिल को दहला देनेवाली घटना है. इस तरह की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है.
समाज को चाहिए कि कारणों पर गौर करे और धार्मिक रंग देने से बचे.
उन्होंने दहेज जैसी कुरीति के खिलाफ सभी वर्ग के लोगों से आगे आने का आह्वान किया.