इस वर्ष प्रदेश पर मौसम विशेष मेहरबान है। प्री मानसून के दौरान राज्य में पिछले आठ वर्षों में इस साल सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। प्री मानसून के दौरान राज्य में औसतन 81.7 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस वर्ष प्री मानसून के दौरान यानी एक मार्च से 31 मई तक राज्य में 267.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई,
जो सामान्य से 227 फीसद ज्यादा है। सबसे ज्यादा बारिश मई में हुई है। मई में भी पिछले आठ वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है। मई में राज्य में सामान्यत: 56.9 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस वर्ष मई में 261 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 369 फीसद ज्यादा है। मई में प्रदेश में लगातार आए दो तूफानों से बारिश काफी बढ़ गई। प्रदेश में आगे भी झमाझम बारिश जारी रहने की उम्मीद है।
बारिश के बाद अब राज्य में उमस काफी बढ़ गई है। सोमवार सुबह से शाम तक उमस बनी रही। उमस के कारण लोगों को न घर और न ही बाहर चैन मिल रही थी। दिनभर लोग पसीने से तरबतर होते रहे। इस तरह की स्थिति आगे भी बनी रहने की उम्मीद है। 13 जून के आसपास राज्य में मानसून आने की उम्मीद है। तब तक उमस, आंधी, बारिश एवं वज्रपात की आशंका बनी रहेगी।
पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक संजय कुमार का कहना है कि तूफानी बारिश के बाद राज्य के वातावरण में काफी नमी है। ऐसे में सोमवार को जैसे ही धूप निकली हवा की नमी उष्मा बन में बदल गई। इससे उमस बढ़ी और लोग परेशान हो गए। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि यह प्री मानसून का दौर है। इस मौसम में बारिश, उमस, आंधी एवं वज्रपात का दौर जारी रहेगा। प्रदेश में मानसून की बारिश शुरू होने के बाद उमस में काफी कमी आएगी।