प्रयागराज जिले के फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट पर गंगा किनारे रेत में शव दफन कर उसके ऊपर रखी गई लाल-पीली चुनरी को हटवा दी गई। अफसरों की मौजदूगी में सफाईकर्मियों को तैनात कर पूरे घाट से चुनरी हटवाई गई। शव दफन करने के बाद पहचान के लिए किनारे लकड़ी गाड़ दी गई थी। इसे भी हटवा दिया गया है।

चर्चा है कि कैमरे से बचने के लिए रविवार की रात एक जिम्मेदार अफसर ने कुछ अफसरों के साथ फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट का निरीक्षण किया था। अफसर ने पहले फाफामऊ पुल से घाट देखा फिर दल-बल के साथ घाट पर भी गए। कहा जा रहा है कि इसी अफसर के निर्देश पर ही सुबह फाफामऊ और श्रृंग्वेरपुर घाट की सफाई करवा कर चुनरी हटवाई गई।

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ऐसा इसलिए किया गया ताकि दफन शवों की पहचान न हो सके। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में चुनरी और लकड़ी से ही इस बात की पहचान हो रही थी कि शव दफन किए गए हैं। नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज सिंह की देखरेख में फाफामऊ घाट पर 100 से अधिक सफाईकर्मी लगाए गए थे। सफाई के वक्त नगर निगम निगरानी समिति के सदस्य मुकुंद तिवारी, कमलेश तिवारी भी मौजूद थे। उधर, श्रृंग्वेरपुर घाट पर कुत्ता और सुअर पकड़ने के लिए टीम लगाई गई थी। दो कुत्तों को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया।

दाह संस्कार का इंतजाम, पर हुआ नहीं
श्रृंग्वेरपुर में गंगा किनारे दफनाए गए उन शवों का दाह संस्कार करने का प्रयास भी किया गया जो रेत से बाहर आ रहे हैं। इसके लिए घाट पर आठ स्थानों पर चिता सजाई गई थी। लेकिन कोई शव रेत से बाहर नहीं दिखा। इसलिए दाह संस्कार नहीं किया गया।

एसडीएम सोरांव अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि अब यह लकड़ी उन लोगों को दे दी जाएगी, जिनके पास दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं होंगे। घाट पर बीडीओ विकास शुक्ल, एडीओ कोआपरेटिव विमल यादव, चौकी प्रभारी दुर्गेर्श ंसह, इंस्पेक्टर नवाबगंज अवन दीक्षित, वीडियो सत्येंद्र्र ंसह उपस्थित रहे। प्रशासन मंगलवार को यहां गंगा की कटान रोकने के लिए उपाय करेगा।

दफन करने से रोका, शव लेकर लौटे परिजन
श्रृंग्वेरपुर में एक बच्ची का शव दफन करने के लिए घाट पर पहुंचे परिजनों को रोक दिया गया। कुंडा इलाके के बेंती गांव से लोग ढाई वर्ष बच्ची का शव लेकर दफनाने पहुंचे थे।

अफसरों ने दफन करने से रोकते हुए दाह संस्कार में मदद करने का आश्वासन दिया। लेकिन परिजन राजी नहीं हुए। शव लेकर वापस चले गए। उधर, शवों को दफन करने से रोकने के बाद एक सपा नेता दाह संस्कार में मदद कर रहे हैं। इनकी मदद से पांच शवों का दाह संस्कार करवाया गया।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...