Screenshot 20210522 131609 01

मेड इन बिहार हेलीकॉप्टर बनाने वाले अमरजीत पासवान जिसने करोड़ों का ऑफर ठुकराया, अनपढ़ लड़के की कहानी : बिहार के गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के बेलसंड गांव निवासी अमरजीत मांझी नाम युवक इन दिनों हेलिकॉप्टर बनाकर उसे उड़ाने में व्यस्त हैं ।अमरजीत अनपढ़ है लेकिन उनके हौसले कम नहीं हैं ।जीवन का एक ही लक्ष्य बनाया कि हेलिकॉप्टर बनाकर उसे उड़ाना हैं ।

Also read: दरभंगा , समस्तीपुर , जयनगर , दानापुर , आरा, डीडीयू से होते हुए उज्जैन, बांद्र टर्मिनल, नई दिल्ली के लिए स्पेशल ट्रेन का परिचालन

बिहार के अमरजीत पासवान मेहनत के दम पर हेलीकाप्टर बनाने की कहानी शुरू होती है और 1 साल से ज्यादा से हेलीकाप्टर बनाने में लगे हुए है। हिंदुस्तान से बाहर से उनको ऑफर भी मिला लेकिन अमरजीत बाबू देश के लिए कुछ करने के जज्बे से मेहनत में लग गए।

Also read: उमस भरी गर्मी के बीच अच्छी खबर बिहार के इन 10 से अधिक जिला में होगी मुसलाधार बारिश, जाने कब?

गोपालगंज के छोटे से गाँव भेलसड़ में रहकर उन्होंने यह सपना देखा था और जब उनके पिता हेलीकाप्टर उड़ने के बारे में पूछा तो उन्होंने पहले पिता जी को मिनी हेलीकाप्टर उड़ा कर दिखाया और इस तरह उन्होंने माता पिता को विश्वास दिलवाया।

Also read: सोच रहे है बिहार से दिल्ली जाने को तो पकड़िये यह ट्रेन मिलेगी कन्फर्म सीट दिल्ली के साथ-साथ यहाँ भी आसानी से जा सकते है, जान लीजिये रूट…

पहले अमरजीत मैकेनिक का काम करते थे और फिर वो दुबई गए और वहाँ उनको काम में मज़ा नहीं आया तो उन्होंने वापस आकर माँ को कहा कि मुझे हेलीकाप्टर बना कर उड़ाना है तो माँ ने कहा कि हम गरीब कैसे तेरी मदद करेंगे तेरी हेलीकाप्टर बनाने में, फिर उन्होंने माँ को समझाया कि वो सब कर लेंगे।

Also read: राजधानी पटना से रतलाम और सूरत के लिए आरा, बक्सर, डीडीयू के रास्ते चलाई जायेगी स्पेशल ट्रेन, जान लीजिये टाइम टेबल…

तो उन्होंने अपने जज्बे और जिद्द पकड़कर इस हेलीकाप्टर बनाने की धुन सवार कर काम पर लग गए और उनकी माताजी ने बताया कि बचपन से ही ऐसे गाड़ियां और मैकेनिक का शौक था जो युवा अवस्था में आकर उन्होंने इससे अपना लक्ष्य बना लिया।

अमरजीत मांझी,रामबली मांझी के पांचवें बेटे हैं।अमरजीत पैसे के अभाव में केवल पहली कक्षा तक ही स्कुल गए थें।फिर गांव के आस-पास मजदूरी का काम किया।कुछ दिन असम में तेल रिफाइनरी मे काम सीखने के बाद कुछ सालों तक नौकरी की।फिर कुछ सालों के लिए वो विदेश गए ।वहीं पर अमरजीत ने हेलिकॉप्टर बनाने की जानकारी प्राप्त की और फिर फिर घर आने के बाद इसमें पुरे तन मन से जुट गए ।

हेलीकाप्टर का लगभग अस्सी फीसदी काम पुरा हो चुका है ।इंजन से लेकर ड्राइवर की सीट,पंखे,सहित लगभग ढांचा खड़ा कर दिया है ।इंजन से जुड़े कुछ काम के बाद इसकी फाईनल टेस्टिंग होगी फिर जुन या जुलाई में यह उड़ान भरेगा ।

अमरजीत के पास जब पैसा का अभाव हुआ तो पिता ने जमीन बेच कर मदद की ।आज अमरजीत के इस काम को देखने के लिए दुर – दराज से लोग आते हैं।पुरे इलाके की नजर अमरजीत पर है कि यह हेलिकॉप्टर कब उडेगा ।फिलहाल इसका काम अब समापन की ओर हैं ।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...