ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, आज गौतम अडानी (gautam adani) देश के साथ-साथ एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं. संपत्ति के मामले में अडानी चीन के झोंग शैनशैन को पीछे करते हुए अंबानी समूह के एकदम नजदीक पहुंच गए हैं. यही रफ्तार बनी रही,

तो कुछ ही दिनों में अडानी देश और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन जाएंगे. आज भले ही अडानी प्रतिदिन सफलता के नए आयाम गढ़ रहे हों लेकिन हमेशा से इनका समय ऐसा नहीं था. आज हम आपको बताते हैं कि आखिर कैसे गौतम अडानी ने चॉल से एशिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बनने तक का सफ़र तय किया. 

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

24 जून 1962 को अहमदाबाद के गुजराती जैन परिवार में जन्मे गौतम अडानी के पास आज चार हेलिकॉप्टर तथा दर्जनों गाड़ियां हैं . गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इनके हेलीकॉप्टर को किराए पर लेते हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब अडानी के पास एक स्कूटर तक नहीं था. इनके पिता के लिए अपने सात बच्चों का पालन-पोषण करना भी बड़ी ज़िम्मेदारी थी.

आर्थिक तंगी के कारण इनका पूरा परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहता था. परिवार इस तरह के मुश्किल हालातों से जूझ रहा था कि गुजरात यूनिवर्सिटी से बीकॉम कर रहे गौतम अडानी को घर की रोजी-रोटी चलाने के लिए पढ़ाई छोड़नी पड़ी. कॉलेज का मोह त्याग कर वह काम धंधे की तलाश में मुंबई जा पहुंचे.

यहां इन्हें एक डॉयमंड कंपनी में बहुत कम तनख्वाह पर एक नौकरी मिली. आज पूरी दुनिया के कोयला व्यापार, खनन, तेल एवं गैस वितरण, बंदरगाह, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली तक अपना कारोबार फैला चुके अडानी के लिए उन दिनों वो कम पगार की नौकरी भी एक बड़ा सहारा थी. 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...