कोरोनाकाल (Coronavirus Pandemic) में कई ऐसे लोग ऐसे हैं जिनका इनकम कम हुआ है और खर्चे बढ़े हैं. ऐसे में अगर आप एक्सट्रा इनकम (Own Business) चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. दवाओं के कारोबार को सरकार छूट दे रही है. ऐसे में जनऔषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) चलाने वालों के आय पर किसी तरह का असर नहीं हुआ है. तालाबंदी के दौरान आम लोगों को भी सस्ते दामों पर आवश्यक दवाएं और अन्य चिकित्सकीय सामान उपलब्ध हो जा रहे हैं.

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देश में मौजूदा समय में करीब 7733 जनऔषधि केंद्र चलाए जा रहे हैं. जबकि सरकार की योजना इसे सभी 734 जिलों में बढ़ाकर 10500 करने की है. यानी अभी भी करीब 3000 केंद्र और खोले जाने हैं. ऐसे में रोजगार का साधन खोज रहे युवाओं के पास यह एक बेहतर विकल्प है.

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अगर आप इनडिविजुअल दवा दुकान खोलना चाह रहे हैं तो आपके पास डी.फार्मा या बी.फार्मा की डिग्री होनी चाहिए. आवेदन करते समय इस डिग्री को लेकर उसे प्रूफ सबमिट करना होगा. अगर कोई आर्गनाइजेशन या NGO जनऔषधि केंद्र खोलना चाहता है तो उसके लिए भी जरूरी है कि वह किसी डी फार्मा या बी फार्मा डिग्री होल्डर को रोजगार दे रखा हो. अस्पतालों में भी कोई योग्य NGOs/चैरिटेबल आर्गनाइजेशन जनऔषधि केंद्र खोल सकता है. 

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नॉर्मल इंसेंटिव के रूप में सरकार दवा की दुकरान खोलने में आने वाले खर्च को वापस कर देती है. इसमें दुकान में फर्नीचर पर आने वाले 1.5 लाख रुपये तक का खर्च और कंप्यूटर व फ्रिज आदि रखने में आने वाला 50 हजार रुपये तक का खर्च शामिल है.

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इसे मंथली बेसिस पर अधिकतम 15 हजार रुपये तक तक तब वापस किया जाता है, जबतक कि 2 लाख की रकम पूरी न हो जाए. यह इंसेंटिव मंथली परचेज का 15 फीसदी या 15000 में जो अधिक हो, दिया जाता है. इतना ही नहीं महिला कारोबारी, दिव्यांग, SC, ST को जनऔषधि केंद्र खोलने पर स्पेशल इंसेंटिव दिया जाता है. या नॉर्थ ईस्ट या नक्सल प्रभावित इलाकों में सेंटर खोलने के लिए.

जन औषधि केन्द्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है. https://janaushadhi.gov.in/ से फार्म डाउनलोड कर सकते हैं. फार्म डाउनलोड करने के बाद आपको आवेदन ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया के जनरल मैनेजर (A&F) के नाम से भेजना होगा.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...