पूरब में 26 मई की शाम आसमान पर पूर्ण चंद्रग्रहण के ठीक बाद एक दुर्लभ विशाल एवं सुर्ख चंद्रमा (सुपर ब्लड मून) नजर आयेगा. एमपी बिरला तारामंडल के निदेशक एवं प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक देबीप्रसाद दुआरी ने बुधवार को यह जानकारी दी.
श्री दुआरी ने बताया कि कोलकाता में आखिरी पूर्ण चंद्र ग्रहण 10 साल पहले, 10 दिसंबर 2011 को दिखा था. दुआरी ने कहा, ‘26 मई की रात को, सूर्य, धरती और चंद्रमा इस तरह से एक सीध में होंगे कि धरती से यह पूर्ण चंद्रमा के रूप में नजर आयेगा.
उन्होंने कहा कि चंद्रमा, धरती के आस-पास चक्कर लगाता हुआ कुछ पल के लिए धरती की छाया से गुजरेगा और पूरी तरह से इस पर ग्रहण लग जायेगा.’ पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, उत्तरी एवं दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया से पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.
चंद्रमा पर आंशिक ग्रहण दोपहर में करीब सवा तीन बजे शुरू होगा और शाम को 6:22 बजे समाप्त होगा. भारत के अधिकांश हिस्सों में, पूर्ण ग्रहण के दौरान चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे होगा और इसलिए देश के लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं देख पायेंगे.