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कहते हैं ना कि देने वाला जब भी देता है छप्पर फाड़ कर देता है. ऐसी ही किस्मत बदली थी इस साल फरवरी (February) के महीने में यूके के कॉट्सवोल्ड्स (Cotswolds) के ग्रामीण इलाके में भेड़ चराने वाले एक चरवाहे की. अचानक ही इस चरवाहे के हाथ उल्कापिंड के दो छोटे टुकड़े हाथ लगे थे.

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इनकी किस्मत एक करोड़ रुपए आंकी गई थी लेकिन चरवाहे ने इसे म्यूजियम (Museum) को दान में दे दिया. ये उल्कापिंड करीब 4 बिलियन साल (4 Billion Years) पुराना है और इसकी मदद से स्पेस में जीवन के चान्सेस के रहस्य से पर्दा उठ सकता है.

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पत्थर के इन टुकड़ों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे ये कोई नॉर्मल पत्थर था. लेकिन असल में ये बेहद बेशकीमती था. पत्थर के ये टुकड़े बीते 4 बिलयन सालों स्पेस में तैर रहे थे.

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लेकिन इस साल फरवरी के महीने में ये पृथ्वी पर गिर गया था. इन्हें भेड़ चराने वाले एक मैदान से पाया गया. इनकी कीमत एक करोड़ रुपए आंकी गई थी लेकिन चरवाहे ने इसे डोनेट कर दिया. 

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इस स्पेस रॉक का नाम ‘Winchcombe meteorite’ रखा गया है. ये काफी रेयर उल्कापिंड है. इसे कार्बनेशियस कोंड्राईट का एक प्रकार कहा जा रहा है. बताया जा रहा है कि बीते 30 सालों में यूके में मिला ये पहला पत्थर है.

आसमान से नारंगी और हरे रंग के आग के गोले की तरह गिरता ये उल्कापिंड सिक्युरिटी कैमरे में कैद हुआ था. इससे पहले ये पत्थर काफी भी जमीन पर नहीं पाया गया था.

बताया जा रहा है कि ये पत्थर इस साल फरवरी में यूके के इस गांव में गिरा था. चरवाहे को इसके गिरने की तेज आवाज आई थी. जब वो मैदान पहुंचा वहां उसे 103 केजी का पत्थर मिला था. जिस चरवाहे के मैदान में पत्थर गिरा था, उसकी पहचान 57 साल के विक्टोरिया बांड के रूप में हुई.

उसने बताया कि पत्थर गिरने के बाद करीब पांच से सात वैज्ञानिक उनके घर पहुंचे थे. उन्होंने चरवाहे को पत्थर के बदले एक करोड़ रुपए देने की पेशकश की लेकिन जब चरवाहे को पता चला कि ये उल्कापिंड स्पेस की अहम जानकारी दे सकता है, तब उसने इसे डोनेट कर दिया.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...