कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे एक पत्र में देश में कोरोनोवायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय लॉक डाउन लागू करने का आग्रह किया है. कैट ने कहा है की ऐसे समय में जब कोरोना से ग्रस्त लोगों का आंकड़ा प्रतिदिन 4 लाख से अधिक है.

और पिछले सप्ताह के दौरान प्रति दिन लगभग 3.90 लाख व्यक्तियों के औसत से कोरोना ग्रस्त होने की वर्तमान स्तिथि में देश के लोगों को कोरोना से बचाने के लिए राष्ट्रीय लॉक डाउन लगाना अब वक्त की जरूरत है.

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देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “बाल चिकित्सा कार्य बल” बनाने का भी सुझाव दिया है जहाँ बच्चे के संक्रमण होने की सम्भावना को लेकर आवश्यक कदम अभी से उठाये जाए सकें.

इसके अलावा आइसोलेशन या उपचार केंद्रों के लिए नए डिजाइन बनाने की आवश्यकता होगी क्योंकि संक्रमित बच्चे के माता-पिता को भी उसके साथ रहना होगा.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे पत्र में कहा है की देश के व्यापारी उनके इस विचार से सहमत हैं की लॉकडाउन कोरोनोवायरस के लिए अंतिम उपाय होना चाहिए.

क्योंकि यह अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा और अपनी आजीविका कमाने के लिए मध्यम और निम्न वर्ग के लिए कठिनाई पैदा करेगा लेकिन मौजूदा स्थिति में अब अंतिम विकल्प के रूप में देश में राष्ट्रीय लॉक डाउन लगाना जरूरी हो गया है.

राज्य वार लॉकडाउन से कोई बहुत ख़ास फर्क नहीं पड़ा है. राज्य की सीमाओं पर लोगों और माल की आवाजाही पर कोई जांच न होने से कोरोनोवायरस की श्रृंखला टूट नहीं पा रही है. उन्होंने आगे कहा कि देश में लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में तालाबंदी, आंशिक तालाबंदी और इसी तरह के अन्य प्रतिबंध लगाए हैं.

लेकिन फिर भी कोरोना के मामलों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग ऑक्सीजन न मिलने के कारण से परेशान हो रहे हैं, अस्पतालों में बिस्तरों की अनुपलब्धता, गंभीर कोविड दवाओं और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की कमी आदि ने देश में स्तिथि को विकट बना दिया है.

कैट के मुताबिक महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्य जो पिछले तीन सप्ताह से लॉकडाउन में हैं वहां कोरोना मामलों की संख्या में कमी हुई है और इसी तर्ज पर राष्ट्रीय लॉकडाउन निश्चित रूप से कोरोना मामलों की संख्या को कम करेगा.

उन्होंने यह भी कहा की प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के कारण पिछले साल देश में प्रारंभिक अवस्था में ही लॉकडाउन लगाने से कोरोनोवायरस पर काबू पाया और इस वर्ष की तुलना में बहुत कम लोग हताहत हुए थे. वर्तमान खतरनाक स्थितियों में भी समान दृष्टिकोण की आवश्यकता है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...