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अभूतपूर्व…। इससे पहले किसी सरकार ने तीन महीने के लिये डॉक्टर और नर्स बहाल नहीं किये होंगे। यही बिहार सरकार का असल चेहरा है। डॉक्टरों और नर्सों के तीन चौथाई पद खाली हैं। मगर स्थायी नियुक्ति नहीं करेंगे। टालते रहेंगे। संकट आ गया है इसलिये तीन महीने के लिये डॉक्टर बहाल कर लेंगे। सेहत अभी भी इनकी अन्तिम प्राथमिकता है। यह बहाली सिर्फ दूसरी लहर के लिये होगी। तीसरी लहर आई तो फिर से ऐसी बहाली निकलेगी।

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बिहार में संविदा पर बहाल होने वाले डॉक्टरों का मानदेय तय, विशेषज्ञ डॉक्टरों को 7 हजार और MBBS को रोज मिलेंगे 4 हजार रुपये : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और कर्मचारियों की बहाली का निर्णय लिया है.

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तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर यह नियुक्ति की जाएगी. इसके लिए जिला पदाधिकारी, मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के अधीक्षक और प्राचार्य के अलावा सिविल सर्जन को सूचित कर दिया गया है. नियुक्त होने वाले इन डॉक्टरों और नर्सों के मानदेय भी तय कर दिए गए हैं. 

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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच बिहार सरकार जिला स्वास्थ्य विभाग में अतिरिक्त मानव बल की अस्थायी नियुक्ति करने जा रही है.

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इस नियुक्ति से कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज हो पाएगा. चयनित कर्मियों को मानदेय भी मिलेगा. मंगल पांडेय ने बताया कि तीन कैटेगरी में नियुक्तियां की जाएंगी. इनमें विशेषज्ञ डॉक्टर, सामान्य चिकित्सक और नर्स की कैटेगरी है. 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने के लिए अस्थायी तौर पर नियुक्त होने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक (पीजी ) को 7,000 रुपये एवं डिप्लोमा को 5,000 रुपए प्रतिदिन मानदेय मिलेगा.

जबकि, एमबीबीएस धारक डॉक्टर को 4,000 रुपए एवं बीएससी (नर्सिग) को 2,000, जीएनएम को 1,500 रुपये एवं एएनएम को 1,000 रुपये प्रतिदिन मानदेय देने का निर्णय किया गया है. मंगल पांडेय ने कहा कि मानेदय का उपरोक्त दर कोरोना काल के परिप्रेक्ष्य में निर्धारित एक विशिष्ट दर है. इस दर को किसी अन्य उद्देश्य के लिए मानक दर नहीं माना जाएगा.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...