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मथुरा के वृंदावन में यमुना में बहते नवजात के लिए वहां के लोग फरिश्ता बनकर सामने आए हैं। पानी गांव पुल के पास गुरुवार सुबह यमुना नदी में एक नवजात बहता हुआ मिला है। एक या दो दिन का नवजात तसले में रखा हुआ था।

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नवजात को बहता देख स्थानीय लोगों ने तत्काल बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस के साथ स्थानीय लोगों ने नवजात को जिला अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने नवजात को ऑब्जर्वेशन में रखा है। फिलहाल बच्चा स्वस्थ बताया जा रहा है।

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जिला अस्पताल के डाक्टर केके माथुर के अनुसार नवजात के अविकसित लिंग को छिपाने की खातिर उसे तसले में डालकर यमुना में बहा दिया गया होगा। डाक्टर की मानें तो बच्चा ट्रांसजेंडर है।

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डॉक्टरों ने फिलहाल नवजात को स्वस्थ पाया। उसका वजन तकरीबन 3 किलो है। डॉक्टरों ने नवजात को ऑब्जर्वेशन के लिए अस्पताल में ही कुछ दिन रखने का फैसला किया है।

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नवजात मिलने की सूचना चाइल्ड लाइन संस्था को दे दी गई है। संस्था के कृष्णकुमार ने बताया कि डाक्टरों के आब्जर्वेशन के बाद बच्चे को बाल समिति के पास पेश किया जाएगा।

वहां से चाइल्ड लाइन को मिलेगा। संस्था ने भी नवजात के ट्रांसजेंडर होने के कारण ही उसके परिजनों द्वारा नदी में बहाने की आशंका जताई है। स्थानीय लोगों ने फरिश्तों की तरह उसका साथ दिया। फिलहाल वह डॉक्टरों की निगरानी में है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...