बिहार के लोगों का सपना हुआ साकार पूर्वी लेन पर 7 जून से दौड़ेगी गाड़िया बता दे कि केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने उद्घाटन करने की सहमति दे दी है। नवम्बर 2016 में इस निर्माण एजेंसी को जर्जर गांधी सेतु के सिर्फ ऊपरी सतह (सुपर स्ट्रक्चर) को तोड़ने का वर्क ऑर्डर मिला था।

तब 24 महीने में पश्चिमी और 18 महीने में पूर्वी यानि 42 महीने में दोनों लेन के सुपर स्ट्रक्चर बदलकर मार्च 2020 तक चालू करना था। पर सवा दो साल की देरी ही सही। लेकिन चालू अब आगामी 7 जून को कर दिया जाएगा |

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अब फिर से गांधी सेतु पर बड़े-बड़े मालवाहक वाहन दोड़ेंगे। अगले चार वर्षों तक एजेंसी सेतु का मेनटेनेंस भी करेगी। दिलचस्प तथ्य ये है कि गांधी सेतु को बनाने में वर्ष 1982 में तब 87 करोड़ लगे थे, पर सिर्फ सुपर स्ट्रक्चर को बदलने पर 1382 करोड़ खर्च हुए है।

हालांकि इस सेतु को चालू रखने के लिये लगातार मरम्मत पर भी 102 करोड़ खर्च किये गये हैं।साल 2014 में गांधी सेतु की मरम्मत की सहमति बनी थी। पहले चरण में पश्चिमी लेन की मरम्मत का कार्य शुरू हुआ और इससे गाड़ियों का परिचालन जारी है।

बिहार के पहले एक्सप्रेस-वे की नींव भी सात जून को पड़ सकती है। आमस-दरभंगा के बीच बन रहे एक्सप्रेस-वे में निविदा आदि की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सरकार की कोशिश है कि उसी दिन इस एक्सप्रेस-वे का भूमि पूजन हो जाए ताकि इसका काम शुरू हो जाए।

साभार : hindustan

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...