अभी कुछ दिनों से सहारा इंडिया चर्चा का विषय बना हुआ है | क्योंकि जितने भी लोग इसमें पैसा अपना निवेश किये थे उन्होंने सोचा था कि आने वाला समय में एक मूस्त अच्छा खासा पैसा मिलेगा और कोई काम आसानी से हो जाएगा | लेकिन ठीक उसका उल्टा हो रहा है | सहारा इंडिया कंपनी में निवेशकों का समय पूरा हो गया है उसके बाद भी सहारा अपने ग्राहकों को पैसा नहीं दे रहा है इसको लेकर सभी जगह लोग सहारा का विओध कर रहे है कितने जगह तो fir भी किया गया है | अब यह मामला पटना हाईकोर्ट के पास पंहुच गया है |

वहीँ लम्बे समय से अपने पैसे का इंतजार कर रहे लोगों के लिए पटना हाईकोर्ट ने एक अच्छी खबर दी है | उम्मीद है कि कोर्ट के निर्देश के बाद अब निवेशकों को यह पैसा वापस मिल सकता है. कोर्ट ने सहारा इंडिया की अलग अलग स्कीमों में जिन लोगो ने निवेश किया है उन्हें जल्द पैसा लौटाने की प्रक्रिया को शुरू करने का निर्देश दिया गया है.

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कोर्ट के इसी आदेश के बाद सहकारिता मंत्रालय ने निर्देश जारी करके कहा है कि सहारा इंडिया को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल और हमारा इंडिया क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता पर लोगो से किसी भी तरह का पैसा जमा कराने पर रोक लगा दी है. सहकारिता मंत्रालय ने 22 मार्च के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए इन सभी सोसाइटी से जनता से किसी भी तरह का पैसा लेने पर अब प्रतिबन्ध लगा दिया गया है.

हालांकि सहारा और उसकी दलीले आज कोई नई नहीं है, सहारा समूह ने अक्टूबर 2020 में कहा था कि वह 75 दिनों के भीतर उसकी चार कंपनियों से जुड़े लोगो के पैसे को वापस कर देगी. गौर करने वाली बात यह है कि 10 लाख से अधिक लोगो ने इन स्कीमो 3226 करोड़ रूपए जमा किऐ थे. सहारा ने उस वक्त ही कहा था कि भुगतान में देरी पिछले 8 साल से कंपनियों पर लगे प्रतिबन्ध के चलते हुई है.

आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे सहारा इंडिया के फेर में बिहार के लाखो लोग फंसे है, उनका पैसा डूब गया है फंस गया है क्यूंकि इन लाखो लोगो ने जो पैसा इन्वेस्ट किया है वो पैसा मेचयौर हो गया है, लेकिन जब बात निकालने की आई तब कंपनी ने अपना पैर पीछे खिंच लिया, जिसके बाद ही पटना हाई कोर्ट का रवैया भी सख्त हो गया है. पटना हाई कोर्ट की पहल के बाद ही सभी को जवाबदेह बनाया है जिसमे सेबी भी अब चपेट में है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...