aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 29

यात्रिगन कृपया ध्यान दे ! अब रेल का सफ़र और होगा सुहाना जी हाँ दोस्तों रेलवे अब यात्रिओ को बेहतर सुविधा के लिए लगाएगी एलएचबी कोच बता दे की रेलवे यात्रियों के लिए एक राहत भरी खबर लेकर आया है। अब उन्हें मौर्य, पूर्वांचल और गोमतीनगर एक्सप्रेस में भी झटके नहीं लगेंगे।अब ट्रेन दुर्घटनाओं पर भी रोक लगेगी क्योंकि रेलवे इसके लिए भी व्यवस्था करने वाला है।

Also read: Bihar Weather: बिहार में होने वाली है भारी बारिश, आँधी तूफ़ान के साथ बरसेंगे पत्थर जाने कुआ है मौसम विभाग का अलर्ट!

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने इन ट्रेनों में अति आधुनिक लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए रेलवे बोर्ड के द्वारा 7 जोड़ी रेक मंगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

Also read: बिहारवासियों के लिए खुशखबरी : बिहार में बना शानदार राज्य से सबसे बड़ा मॉल, इसमें लोगों को मिलेगी पीवीआर की सुविधा सहित ये चीजें,जाने…

जानकारों की मानें तो परंपरागत कोचों में चेन वाली कंप्लिंग लगती तो इससे यात्रियों को ट्रेनों में झटके लगते हैं। और सबसे बड़ी बात है कि दुर्घटना के समय इससे अधिक नुकसान होता है।नए वाले कोचों में सेंटर बफर कपलिंग (सीबीसी) के चलते झटके नहीं लगते। दुर्घटना के समय बोगियां एक दूसरे पर नहीं चढ़तीं। क्षति कम होती है। बोगियों के अंदर पर्याप्त जगह मिलती है। इन कोचों में गेट और टॉयलेट भी सुविधाजनक होता है।

Also read: Bihar Weather Update : अच्छी खबर बिहार के इन १२ जिलों में होने वाली है तगड़ी बारिश गिरेंगे ओला पत्थर, जाने अपने क्षेत्रों का हाल?

आपको बता दें कि ऐसे कोचों में यात्रियों की सुविधाएं काफी ज्यादा बढ़ जाती है और साथ ही साथ बर्थ बढ़ने के साथ-साथ रेलवे की कमाई भी बढ़ती है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन कोचों के रखरखाव में कम पैसे लगते हैं।

Also read: हमसफर क्लोन,राजधानी, शताब्दी एक्सप्रेस और वन्दे भारत एक्सप्रेस को लेकर आया बड़ा अपडेट, इन लोगों के लिए रिजर्व रहेगी ट्रेन में सीट

पुराने कोचों की मरम्मत 3500 किमी पर होती है। नए कोच 4000 किमी चलने के बाद ही वाशिंग पिट में जाते हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के 33 जोड़ी ट्रेनों में एलएचबी कोच लग रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी एक्सप्रेस ट्रेनों में लगाने की योजना है। वैसे भी भारतीय रेलवे स्तर पर सिर्फ एलएचबी कोचों का ही निर्माण हो रहा है। पुराने परंपरागत कोच बनने बंद हो गए हैं।

अब नहीं दिखेंगे किसी ट्रेन में पुराने कोच

जानकारी के अनुसार 10 से 20 साल में परंपरागत कोर्स सिर्फ पैसेंजर ट्रेनों में ही रह जाए क्योंकि रेलवे सभी ट्रेनों में नए कोच लगा देगा। 20 साल से अधिक के कोचों को अब रेलवे कबाड़ घोषित कर देगा। रेलवे नए कोच लगाने के साथ-साथ यात्रियों की सुविधाओं में भी बढ़ोतरी कर देगा। एचएलबी कोच लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...