सरसों तेल : बाजार में बिकने वाली लगभग सभी चीजें मिलावटी होती हैं। अधिक मुनाफा कमाने के लिए लोग खाद्य पदार्थों में भी मिलावट करने से बाज नहीं आते। मिर्च मसाले हों या फिर डेयरी प्रोडक्ट, दाल और तेल आदि लगभग हर चीजों में मिलावट की जाती है। ऐसे में खाद्य पदार्थ असली हैं या फिर मिलावटी इनकी पहचान कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है।
सरसों के तेल का हम रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते हैं। सरसों के तेल का इस्तेमाल सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो सरसों का तेल जितना शुद्ध होता है, उतना ही वह शरीर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन मिलावटी सरसों का तेल स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
माई गवर्नमेंट इंडिया की ओर से घर पर तेल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कुछ सुझाव साझा किए गए हैं। इससे खाना पकाने के तेल की शुद्धता की जांच करना मुश्किल नहीं होगा। 2007 में जर्नल ऑफ एंटीऑक्सिडेंट्स एंड रेडॉक्स सिग्नलिंग में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार सरसों के तेल में मिलावट के लिए आर्गेमोन तेल का इस्तेमाल होने से ऑक्सीडेटिव तनाव हो सकता है।
ऐसे करें असली नकली का पहचान :
घर में रखे सरसों के तेल की जांच आप साइंटिफिक तरीके से भी कर सकते हैं। इसके लिए टेस्ट ट्यूब में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल लें। फिर इसमें नाइट्रिक एसिड की बूंदें ड्रॉपर के जरिए डालें। अब इस मिश्रण को थोड़ा-सा हिलाएं और 2-3 मिनट के लिए गर्म कर लें। अगर तेल का रंग लाल हो जाए तो समझ जाइये की वह मिलावटी है।
रंग से भी कर सकते है पहचान :-
सरसों का तेल गहरे रंग का और काफी गाढ़ा होता है। लेकिन आपने जो तेल खरीदा है, अगर उसका रंग हल्का पीला है तो उसमें मिलावट की संभावना हो सकती है।