बिहार के कोसी नदी के बैराज में जहां लोगों को नौकायन की सुविधा मिलेगी वहीं बैराज से निकलने वाले पानी का उपयोग बिजली उत्पादन में होगा। बिहार सरकार ने आधा मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 4.50 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। उत्पादित बिजली को ग्रिड में भेजा जाएगा। पर बिहार के कोसी बैराज की यह बिजली योजना जिले की दूसरी पन विद्युत परियोजना होगी। इससे बिहार के लोगों को काफी राहत होगी |

बिहार के कोसी नदी में 33.80 करोड़ लागत के बैराज निर्माण का काम अंतिम चरण में है। 2016 के वर्षाकाल में पानी एकत्र होने के बाद बैराज की झील अस्तित्व में आएगी। इसके बाद दो किमी लंबी झील में  में नौकायन और पानी से संबंधित अन्य खेल गतिविधियां संचालित करने की योजना है। बैराज निर्माण के समय ही यहां आधा मेगावाट बिजली उत्पादन भी प्रस्तावित था। बैराज का काम लगभग समाप्ति पर है। अब सरकार ने बिजली प्लांट लगाने को 4.50 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नवीन सिंघल ने बताया कि बिजली उत्पादन के लिए 250-250 किलोवॉट की दो टरबाइनें स्थापित की जाएंगी।

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बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने इस मसले पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से इस मसले पर बातचीत की। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने एसजेवीएन को नेपाल के साथ संयुक्त उपक्रम बनाने को कहा है। केंद्र से सैद्धांतिक सहमति मिलने पर एसजेवीएन ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। कागजी कार्रवाई के बाद पनबिजली घर को साकार करने की जमीनी प्रक्रिया शुरू होगी। 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...