बिहार लोक सेवा आयोग ( बीपीएससी ) ने गुरुवार को 65वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया। इस परीक्षा में कुल 422 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। बिहार लोक सेवा आयोग ने अपनी वेबसाइट पर रिजल्ट की सूचना जारी कर दी है। परीक्षार्थी अपना परिणाम बीपीएससी की वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर ऑनलाइन देख सकते हैं। मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार के लिए 1142 प्रत्याशियों का चयन किया गया था। बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से कट ऑफ भी जारी कर दिया गया है। बीपीएससी 65वीं में बिहार के कटिहार जिले के गौरव सिंह ने टॉप किया है। मेरिट लिस्ट में दूसरे स्थान पर चंदा भारती और तीसरे स्थान पर सुमित कुमार हैं। बिहार लोक सेवा आयोग के टॉपर
यूपीएससी की परीक्षा को अपने आप में सबसे कठिन और कड़ा एग्जाम माना जाता है | ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | कहते है अगर इंसान के हौसले बुलंद हो तो कोई भी बाधा या विफलता उसकी सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती. इसी कहावत को सच साबित कर दिखाया हैबिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के धनौर गांव के राजीव कुमार ने इन्होने बीपीएससी(bpsc) में 45वां रैंक लाकर अपने साथ साथ पुरे बिहार को भी गौरवान्वित किये है | बता दे की बिहार के लाल राजीव मैट्रिक में मात्र १ नंबर से फेल हो गए थे |
लेकिन फिर भी राजीव ने हार नहीं माना और बीपीएससी की तैयारी से पहले मैट्रिक में फेल होने के बाद फिर से एग्जाम दिए और अगले बार प्रथम श्रेणी से पास किये | फिर मीट्रिक करने के बाद उन्होंने अपना लक्ष्य बीपीएससी रखा और इसकी तैयारी में लग गए | फिर क्या मंजिल इनको मिल ही गयी और इस बार इन्होने 45वां रैंक से बीपीएससी पास किये है |
बिहार के मुज्ज़फरपुर जिले के राजीव ने 65वीं बीपीएससी की परीक्षा में 45वां रैंक लाकर राजीव कुमार ने फिर सफलता का कीर्तिमान रचा है | अब राजीव जल्द ही बिहार में डीएसपी बनेंगे और लोगों की सेवा करेंगे. राजीव अपने गांव के पहले युवक हैं, जिन्होंने बीपीएससी की परीक्षा पास की है. यही वजह है कि राजीव की इस सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ उनके गांव के लोग भी खुश हैं. राजीव कुमार सिंह के पिता राम लक्ष्मण सिंह किसान हैं. राजीव की मैट्रिक तक की पढ़ाई गांव के ही धनौर हाई स्कूल मुज्ज़फरपुर,बिहार में हुई है |