अक्टूबर के महीने में दिवाली नाम सुनते ही ऐसा लगता है।अब दीवाली आ गयी है। साथ ही भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। अब चारो तरफ दीप भी जलेंगे खास कर हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार {festival} का विशेष महत्व होता है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली {diwali} का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दिवाली पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार इस साल दिवाली दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी। इस साल दिवाली पर चार ग्रह एक ही राशि में विराजमान रहेंगे। इस संयोग को शुभ माना जा रहा है।

चार ग्रहों के एक ही राशि में रहने से मिल सकते हैं ये शुभ परिणाम-

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  1. धन- लाभ होने के संकते।
  2. शुभ फल की प्राप्ति होगी।
  3. नौकरी और व्यापार में तरक्की के योग बनेंगे।
  4. मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्दि होगी।

लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि 04 नवंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से प्रारंभ होकर 05 नवंबर को सुबह 02 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात 08 बजकर 20 मिनट तक है। पूजन अवधि 01 घंटे 55 मिनट की है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...