आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे है जिसे सुनकर आपके आँख नमी से भर जायेगी | दरअसल बात राजस्थान के एक छोटे से गाव चोम्मु की है | जिसमे एक लड़की की चाह ने म्हणत ने लगन ने उसे डॉक्टर बना दिया इतना ही नहीं आईये जानते है पुरे विस्तार से….
नाम रूपा यादव घर राजस्थान गाव चौमु बचपन से पढने का सौकीन दरअसल बात यह है की रूपा नाम की एक लड़की जिसका घर राजस्थान है और हम उसकी जीवन में घटे कुछ विकत परिस्थिति के बारे में बात करने जा रहे है | रूपा जब ८ वर्ष की ही थीं और तीसरी क्लास में ही थी तब ही उसकी शादी करा दी गयी थी |
लेकिन रूपा को बचपन से ही पढने का बहुत सुक था | लेकिन रूपा के घर के आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण , और रूपा की स्कूल उसके घर से बहुत दूर थी | इसीलिए उसको पहले घर से बस स्टैंड और बस स्टैंड से स्कूल जाना पड़ता था |
लेकिन रूपा का सपना था की हम डॉक्टर बने और लोगों की सेवा करे और रूपा अपनी डॉक्टर बनने के पीछे एक और राज बताती है वह खुद बताती है की कुछ दिनों पहले की बात है जब हम बच्चे थे तब मेरे मामा जी बहुत हार्ड के बीमरी के कारण बीमार थे और उनका इलाज सही समय पर नहीं हो पाया | मैंने उसी दिन अपने मन में थान लिया था की हम भी बड़े होकर डॉक्टर बनेंगे और असहाय लोगो की सेवा करेंगे |
लेकिन रूपा का ये सपना उसके घर यानि मायके में पूरा नहीं हो पाया लेकिन उसके ससुराल का पूरा समर्थन मिला और खासकर रूपा के पति जो की रोज ऑटो चलाकर एक -एक रुपये इकठा करके रूपा के पढाई में लगा दी | फिर एक दिन रूपा की मेहनत रंग लायी | और रूपा डॉक्टर बन गयी |