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IAS बनने के लिए HR की नौकरी छोड़ी, दो बार असफल होने के बाद डिप्रेशन में बन गई ‘कूड़ा बीनने वाली’

AddText 07 27 09.20.05

अक्सर यह सुनने में आ जाता है कि वह इंसान पढ़ते-पढ़ते पागल हो गया है और इसके पीछे का कारण होता है कि वह अपने लक्ष्य में सफल नहीं हो पाता। किसी चीज के प्रति बहुत ज़्यादा पागलपन भी हमें अवसाद की ओर धकेल देता है। अपने लक्ष्य के प्रति जुनून पैदा करना अच्छी बात है लेकिन हद से ज़्यादा नहीं, क्योंकि बहुत ज़्यादा पागलपन व्यक्ति को कहीं का नहीं छोड़ता है। सबके दिल में ख़्वाहिश होती है कि वह अच्छी से अच्छी नौकरी करें IAS, IPS जैसे पद को प्राप्त करे।

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कुछ इसी तरह IAS बनने का सपना संजोइ थी हैदराबाद (Hyderabad) की रजनी टोपा (Rajni Topa)। इसके लिए उन्होंने दो बार प्रयास भी किया। शायद कुछ कमी रह जाने के कारण वह अपने इस प्रयास में सफल नहीं हो पाई और अपने इस असफलता से वह इस क़दर अवसाद में गई जहाँ से निकलना उनके लिए असंभव हो गया। आज उनकी स्थिति ऐसी है कि वह सड़क पर कचरा बिनते हुए नज़र आई हैं।

जब वह अपने दूसरे प्रयास में भी सफल नहीं हो पाई तब वह धीरे-धीरे डिप्रेशन में जाने लगी। उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई कि उन्होंने 8 महीने पहले अपना घर तक छोड़ दिया और सड़क पर आ गई। अपने शहर हैदराबाद से हजारों किलोमीटर दूर यूपी के एक शहर गोरखपुर में वह सड़क पर कचरा चुनती हुए नज़र आई।

उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही थी। जब पूरी तरह से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई तब नवंबर में वह घर छोड़कर चली गई। इलाज़ के बाद हालत में कुछ सुधार होने पर रजनी ने अपने परिवार के बारे में भी बताया और इस तरह उन्हे वहाँ ले जाया गया।

उम्मीद है कि रजनी जल्द से जल्द इस अवसाद से बाहर निकलेंगे और फिर से एक नए तरीके से अपने करियर की शुरुआत करेंगी। इसके लिए उन्हें ढेरों शुभकामनाएँ।

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