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IPS Pooja Yadav : युवाओं मे विदेश में नौकरी को लेकर एक अलग ही क्रेज होता है। उच्च शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद ज्यादातर युवाओं की ये ख्वाहिश होती है कि वे विदेश जाकर नौकरी करें और वही सेटल हो जाएं। ऐसे में आईपीएस पूजा यादव की कहानी आपकी सोच को बदल कर रख देगी।

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पूजा यादव ने विदेश में नौकरी की लेकिन जब उन्हें लगा कि उन्हें देश के लिए कुछ करना चाहिए. उन्होंने विदेश में अपनी नौकरी छोड़ दी. पूजा विदेश से नौकरी छोड़कर हिंदुस्तान वापस आ गईं और यूपीएससी की तैयारियों में जुट गईं। आज पूजा यादव भारतीय पुलिस सेवा में अधिकारी के तौर पर कार्यरत हैं। पूजा यादव की सक्सेस स्टोरी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा हो सकती है जो विदेश में जाकर बस जाते हैं.

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एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि उनकी पढ़ाई के खत्म होने के बाद काफी समय तक नौकरी नहीं मिल पा रही थी. नौकरी ना मिलने और आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी ना होने की वजह से उन्हें एक ऑफिस में रिसेप्सनिस्ट के पद पर काम करना पड़ा था. पैसों की तंगी के कारण उन्होंने बच्चों को कुछ समय के लिए कोचिंग भी पढ़ाई थी. वो कहती हैं Biotechnology and Food Technology के क्षेत्र में देश में अवसर ज्यादा नहीं हैं.

यही वजह थी कि उन्होंने विदेश में जाकर नौकरी करने का फैसला किया. उन्होंने 2 साल तक कनाडा और जर्मनी में नौकरी की. यहां उन्हें अच्छा खासा वेतन मिल रहा था. इस दौरान उनकी बड़ी बहन क्रांति यादव से बातचीत होती रहती थी. क्रांति यादव आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने पूजा को यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने की सलाह दी.

पूजा को भी लगा विदेश में नौकरी कर वो वहां की तरक्की में योगदान दे रही हैं. वहीं, अगर वो वापस भारत में काम करेंगी तो यहां की तरक्की में अपना योगदान दे पाएंगी. बस इसी ख्याल ने उन्हें भारत आने पर मजबूर कर दिया. यहां आकर उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना शुरु कर दिया.

वो कहती हैं कि यूपीएससी का सिलेबस अन्य परीक्षाओं से काफी विस्तृत है. यही वजह है कि आप कुछ समय बाद पढ़ाई से ऊबने या थकने लगते हैं. इसका विकल्प ये है कि आप अपनी दिनचर्या में घूमना फिरना या खेलकूद को शामिल करना ना भूलें. इससे आपका दिमाग स्वस्थ्य रहेगा और पढ़ाई में ज्यादा मन लगेगा. एकदम से पूरी पढ़ाई करने के बजाय रोजाना थोड़ा थोड़ा पढ़ाई करें. धीरे धीरे आपका पढ़ाई में मन लगने लगेगा.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...