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गांव में नहीं थे स्कूल बचपन में ही छोरा घर, 18 साल बाद IAS बनकर लौटा घर

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पटना; बिहार के होनहारों की कहानी से आप बखूबी वाकिफ होंगे।

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हर साल जारी होने वाले UPSC के नतीजों में बिहार के युवाओं का एक तरफा दबदबा क़ायम रहता है।

ऐसा कोई साल या दो साल से नहीं हो रहा, बाल्कि

दशकों से बिहार उन राज्यों में शामिल रहा है

हैरानी की बात तो है कि बिहार में आज भी यदि हम शिक्षा की बात करें तो कोई बेहतर व्यवस्था नहीं है।

बिहार की शिक्षा की बात करें तो हर साल वहाँ आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं में नक़ल की खबरें राष्ट्रीय स्तर की सुर्खियाँ बनती है।

बिहार में कैसे फर्जीं टाॅपर तक बना दिए जाते हैं इसकी खबरें भी आपने ख़ूब देखी होंगी।

लेकिन उसी बिहार के सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि यहाँ ऐसे भी युवा हैं जो अगर ठान लेते हैं

तो देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली परीक्षा UPSC तक को पास करके दिखा देते हैं।

आज हम एक ऐसे ही बिहार के लाल की कहानी आपको बताने जा रहे हैं

जिसने एक नहीं दो-दो बार UPSC परीक्षा को पास करके ख़ुद को साबित किया है।

जिन्होंने देश को सबसे ज़्यादा IAS अफसर दिए हैं।

इस होनहार युवा का नाम सुमित कुमार (IAS Sumit Kumar) है। सुमित मूल रूप से बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा गाँव के रहने वाले हैं।

इनके पिता सुशाल वणवाल है जो कि बेहद गरीब थे। सुमित के पिता का बचपन से ही सपना था कि बेटे को कुछ बड़ा बनाना है।

लेकिन उनके गाँव में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी जो सुमित के भविष्य को उज्ज्वल कर सके।

इसके चलते सुमित को 8 साल की खेलने कूदने की उम्र में ही घर छोड़ना पडा ताकि उसका भविष्य सुनहरा हो सके।

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