AddText 05 19 04.04.41

कोरोना के सेकंड वेव में अधिकतर डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ़ ने ये बात साबित की है कि वे सिर्फ़ नाम के लिए ही नहीं, बल्कि सच में योद्धा हैं. ऐसे योद्धा जो कोरोना जैसे दुश्मन से लड़ने के लिए जान की बाज़ी लगा कर लड़ते हैं.

Also read: Mumbai-Howrah Duronto Express : दो दिनों तक रद्द रहेगी ये लम्बी दुरी की ट्रेनें जान लीजिये पूरी बात…

और मरीज को मौत के मुंह से बचा लाते हैं. रांची से एक ऐसी ही खबर सामने आई है जिसके बारे में जानकर आप भी मानेंगे कि डॉक्टर को अगर धरती का भगवान कहा जाता है, तो ये कहीं से भी गलत नहीं है.

Also read: खरीदना चाहते है सोना चांदी आपके लिए अच्छा है मौका कीमत में हुआ भारी गिरावट, अब बस १० ग्राम की इतनी है कीमत…

मामला झारखंड, रांची के बहु बाजार का है. यहीं की रहने वाली एक 57 वर्षीय महिला को डॉक्टरों ने बचा लिया. महिला को कोरोना संक्रमण के कारण जब रांची के सदर अस्पताल में भर्ती किया गया, तब उनकी स्थिति बेहद नाजुक थी. उनका ऑक्सीजन लेवल 40 तक पहुंच गया था. यहां से किसी मरीज का बच पाना लगभग नामुमकिन माना जाता है लेकिन डॉक्टरों ने इस असंभव को संभव कर दिखाया. 

Also read: Petrol Disel Price : कम होने का नाम नहीं ले रहा है पेट्रोल-डीजल का दाम इन शहरों में इतना बढ़ा दाम, जानिये आपके क्षेत्र का क्या है हाल…

दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, कोरोना संक्रमित महिला की स्थिति इतनी नाजुक हो चुकी थी कि उन्हें पहले ऑक्सीजन बेड पर रखा गया, इसके बाद इन्हें मास्क वेल वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया. इतना करने के बाद भी उनकी स्थिति में किसी तरह का सुधार आते नहीं दिख रहा था,

Also read: बड़ी खबर : शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन अब चलेगी दुसरे मार्ग से बदल गया रूट, एक ट्रेन भी रद्द जानिये वजह…

ऑक्सीजन का स्तर लगातार गिरता चला जा रहा था. एबीजी टेस्ट के बाद तो उनकी स्थिति और भी चिंताजनक होने लगी. इन मुश्किल हालातों में भी महिला के लिए उम्मीद बनकर खड़े रहे यहां के डॉक्टर. इन्होंने एक बार भी हार नहीं मानी. आपसी सलाह के बाद सभी डॉक्टर इस नतीजे पर पहुंचे कि यदि जल्द से जल्द कुछ ना किया गया तो महिला कुछ मिनटों से ज़्यादा जी नहीं पायेंगी. 

बड़ी बात यह थी कि जिस विधि द्वारा डॉक्टरों ने महिला को नया जीवन दिया उससे इन डॉक्टरों की जान को भी खतरा हो सकता था. दरअसल, इस प्रक्रिया में ट्यूब को महिला के मुंह के रास्ते गले, फिर फेफड़ों तक पहुंचाना था. इस दौरान कोरोना संक्रमण फैलने का पूरा खतरा था. लेकिन डॉक्टर अपनी जान की परवाह ना करते हुए महिला की जान बचाने का प्रयास किया और कामयाब हो गए.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...