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पंचायत में टैक्स वसूली सिस्टम तैयार कर रही नीतीश सरकार

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PATNA : बिहार पंचायत चुनाव के दरवाजे पर खड़ा है।

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किसी भी वक्त पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है लेकिन पंचायत चुनाव के पहले सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में टैक्स वसूली का नया सिस्टम खड़ा करने की तैयारी में है।

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नीतीश सरकार अब गांव में कारोबार करने वाले लोगों से टैक्स वसूली का सिस्टम बना रही है।

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यह वसूली पंचायतों के जिम्मे होगी।

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ग्राम पंचायतें अपने दायरे में होने वाली व्यवसायिक गतिविधियों पर टैक्स लगाएंगे

और इसकी वसूली करेंगी। तीन महीने में पंचायतों में नई सरकार का गठन होना है।

यह नई सरकार अपने क्षेत्र की व्यवसायिक गतिविधियों को चलाने वाले लोगों से टैक्स वसूलने का भी काम करेगी।

इसके लिए नीतीश सरकार नियमावली बना रही है। पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को विधानसभा में इसकी घोषणा की

सम्राट चौधरी ने विधानसभा में कहा कि हम पंचायतों को अपने पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं

इसके लिए उसे एक टैक्स वसूलने की शक्ति देने जा रहे हैं। नियमावली तैयार करने का काम चल रहा है।  

पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए वहां जो टैक्स प्रणाली बनाई जाएगीजाएगी

इसके तहत अब गांव में अपने जमीन के ऊपर मोबाइल टावर रखने वालों को हर महीने 1000 रुपये का टैक्स देना होगा।

साथ ही साथ खेती के सामान को छोड़कर अगर कोई दूसरे तरह की दुकान चलाता है

तो उसे 100 रुपये टैक्स के तौर पर देने होंगे। खेती के अलावा अगर ट्रैक्टर-ट्रक का इस्तेमाल किया जाता है

तो इसके लिए भी 100 रुपये का टैक्स हर महीने देना होगा।

कमर्शियल फोर व्हीलर के लिए 100 रुपये का टैक्स रहेगा हालांकि

इस नियमावली का अभी अंतिम प्रारूप अभी तैयार नहीं हुआ है। 

पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा है

कि पंचायतों को टैक्सेशन पावर देने के लिए नियमावली बनाई जाएगी।

चुनाव के बाद सभी पंचायतों को जल्द से जल्द अधिकार मिले इसकी पहल की जाएगी।

उधर प्रदेश मुखिया महासंघ के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा है कि इससे बड़ी विडंबना कुछ नहीं हो सकती

पंचायतों को अपने क्षेत्राधिकार में टाइप करने का अधिकार अब तक सरकार नहीं दे सकी है

जबकि इसका बकायदा संवैधानिक अधिकार है। इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है

कि एक साल पहले सरकार की तरफ से पंचायतों को सैरात और बाजार से टैक्स लेने के लिए कहा गया था।

मगर सैरात और खास तौर पर जलकर फिशरीज को दे दिया गया।

Input:- first bihar

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