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Success Story: अपने बच्चे को पढाने और खिलाने के के लिए ई-रिक्शा चलाती है पिंकी देवी बच्चे को बनाना चाहती है अफसर

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दोस्तों आज तक तो आपने बहुत ऐसी कहानी सुनी होगी जिसमें एक गरीब पिता जो रिक्सा चलाकर मजदूरी करके अपने बेटे को अधिकारी बनाना चाहता है. दोस्तों ऐसे करते-करते लोग धीरे-धीरे ऐसा मानने लगे है की घर चलाने और बाल बच्चे को पढाने खिलाने की जिम्मेदारी सिर्फ पुरुष की है लेकिन यह सच आधी अधूरी है.

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दोस्तों आज के इस खबर में हम बात करने वाले है एक ऐसी ही महिला के बारे में जो अपने परिवार को चलाने के लिए और बच्चे को पढाने के लिए इ-रिक्सा चलाती थी. दोस्तों बताया जाता है की उनके पति उन्हें कुछ दिनों पहले जब उसे छोड़कर चली गई तो वो अपने बच्चे को पढाने और खिलाने के लिए रिक्सा चलाना शुरू कर दी.

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दोस्तों आपको बता दूँ की पिंकी देवी जिनका घर बिहार के भागलपुर जिले में है और वो रिक्सा चलाने का काम करती है वहीँ उनकी शादी भागलपुरी निवासी अम्र्जेत शर्मा के साथ हुई है उनके दो बेटे भी है एक सत्यम और दूसरा का नाम शिवम है. और दो बेटी है एक का नाम एक का नाम रिया एवं दूसरी का नाम वर्षा है.

दोस्तों जब आपको पता चलेगा की आखिर पिंकी को रिक्सा क्यूँ चलाना पड़ा तो अप भी सोच में पद जायेंगे जी हाँ दोस्तों आपको बता दूँ की पिंकी के पीटीआई के ऊपर बहुत क़र्ज़ था जिसे वो चूका नहीं पाया और एक दिन ऐअसा नौबत आया की वो घर छोड़कर भाग गया और उसके बाद पिंकी की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई ऊपर से उनके घर में बच्चे भी थे और इन्हें जमीन भी उतना नहीं था. उसके बाद पिंकी देवी ने निरनय लिया की उन्हें रिक्सा चलाना है.

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