Site icon First Bharatiya

IAS Success Story: बेटी को पढाने के लिए पिता को करना पड़ा मनरेगा में मजदूरी, बेटी अपने मेहनत के दम पर फूस के घर में पढ़कर पास की UPSC की परीक्षा बनी IAS

yhythh

दोस्तों हमारे भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ एग्जाम यूपीएससी को माना जाता अहि और यूपीएससी की परीक्षा के लिए हमारे भारत में लाखो युवा आशा लगाये हुए है. और पंक्ति में खड़े है लेकिन सफलता सिर्फ उन्ही को मिलता है जो इन लाखों में से सबसे अच्छा परदर्शन दिखाते है.

Also read: IAS Success Story: नौकरी छोड़ शुरू की यूपीएससी की तैयारी, पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता इस तरफ चौथे बार में की टॉप बनी अधिकारी!

Image Credit – Twitter

दोस्तों आज के इस खबर में हम बात करने वाले है एक आदिवासी लड़की के बारे में जो एक फूस के घर में रहकर अपने घर वाले के सपने को साकार किया. जी हाँ दोस्तों हम जिसके बारे में बात करने वाले है वो केरल के वायनाड की एक आदिवासी लड़की है और उसका नाम श्री धन्या सुरेश है उनके पिता मजदुर है.

Image Credit – Twitter

दोस्तों श्री धन्या का के परिवार वाले आर्थिक रूप से काफी कमजोर थे. और एक मजदुर के बेटी फूस के घर में रहने वाली लड़की का यूपीएससी तक के सफर अपने-आप में काफी बड़ा है. श्री धन्या के माता-पिता के पास उतनी पैसा नहीं थी की उन्हें वो अच्छे स्कूल और संस्थान में पढ़ा सके.

Image Credit – Twitter

लेकिन उनके माता-पिता जो स्थिति में थे उनसे जो हो सका उन्होंने अपने बिटिया के लिए किया. और श्री धन्या ने भी हिम्मत नहीं हारी और अपनी बचपन की पढाई पूरी करने के बाद श्री धन्या की नौकरी विकाश विभाग में कलार्क के पद पर लगी.

Image Credit – Twitter

दोस्तों लेकिन श्री धन्या का बचपन से ही मन था की वो भी यूपीएससी की परीक्षा में बैठे और सफलता हाशिल करें आगे चलकर उन्होंने यूपीएससी करने का मन बनाया.

Image Credit – Twitter

और यूपीएससी की परीक्षा में पहले ही प्रयास में 410वां स्थान प्राप्त की और आईएएस बनी एक गरीब परिवार में जन्मी श्री धन्या के लिए यूपीएससी का सफ़र आसान नहीं था. आज के समय नके लड़की के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है श्री धन्या.

Image Credit – Twitter

अपने गाँव की पहली आईएएस ऑफिसर है श्री धान्या

Image Credit – Twitter

श्री धान्या के पिता करते थे मंरेगा में मजदूरी

Image Credit – Twitter

Exit mobile version