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घर-घर जाकर पिता बेचते थे पेपर बेटी बनी आईएस ऑफिसर बिना कोचिंग ट्यूशन के पहले प्रयास में मिली सफलता

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दोस्तों किसी महान शख्स ने कहा है की शिक्षा उस शेरनी की दूध है जो पिएगा वो दहारेगा बिलकुल यही बात फिट बैठता है एक पेपर बेचने वाले की बेटी की ऊपर जी हाँ दोस्तों आज के इस खबर में हम एक ऐसे छात्रा के बारे में बतायेंगे ज्सिएक पिता बेचते थे पेपर लेकिन वो अपनी मेहनत के दम पर आईएस ऑफिसर.

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दोस्तों आपको बता दूँ की उसका नाम शिवजीत भारती है जो की वो हरियाणा के पंचकुला की रहने वाली है. इनका जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था लेकिन उसके बाद भी इन्होने हार नहीं मानी और अपने जीवन में पढाई के प्रति कभी भी गरीबी को बाधा नहीं बनने दिया.

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दोस्तों शिवाजी भारती अपने जीवन में बहुत मेहनत की है तब जाकर उनको ये सफलता हाथ लगी है. आपको बता दूँ की शिवाजी भारती जी के पिताजी पेपर बेचते थे घर-घर जाकर लेकिन उन्होंने अपनी बेटी और अच्छा शिक्षा दिया जिसके बदौलत आज वो यूपीएससी में बढ़िया अंक हाशिल किये है.

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शिवाजी भारती जी के बारे में बताया जाता है की शिवाजी भारती ने अपने बचपन की पढ़ाई गाँव के ही सरकारी स्कूल से किये . और आगे चलकर शिवाजी भारती ने अपना करियर यूपीएससी को बनाया और अच्छे रैंक हाशिल किया. एक समय में शिवाजी भारती के पास बहुत सारे मुश्किलें थी लेकिन उन्होंने सभी का डटकर सामना किया तब जाकर आज उन्हें ये सफलता हाथ लगी है.

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बिना कोचिंग ट्यूशन के बनी आईएस ऑफिसर

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