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बिहारी बाबू को सलाम, इंजीनियर से बने IPS, फिर बने DM साहेब सभी लोग दे रहे बधाई !

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असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे स फलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | समय नहीं है का गाना गाने के बजाय जो समय है उसका दुरुपयोग करने से बचें. चूंकि आप पहले से एक नौकरी में है इसलिए आपके पास यूपीएससी या किसी भी दूसरी परीक्षा की तैयारी करने के पीछे ऐडेड मोटीवेशन होना चाहिए. बिना इसके आप इस सफर में प्रेरित नहीं रहेंगे. 

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लोग आपसे पूछेंगे कि एक नौकरी में होने के बावजूद आप ये सिरदर्द क्यों ले रहे हैं तो आपके पास कारण होना चाहिए उनको गलत साबित करने का. एक बात का और ध्यान रखें कि कभी भी अपनी पुरानी नौकरी की आलोचना किसी से न करें | नये इंप्लॉयर से तो बिलकुल नहीं. मनीष से भी इंटरव्यू में यह पूछा गया था कि एक अच्छी नौकरी छोड़कर आप इस क्षेत्र में क्यों आना चाहते हैं. जवाब में मनीष ने कभी पुरानी नौकरी को कोसा नहीं बल्कि ये कहा कि वे कुछ और बेहतर करना चाहते हैं.

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नौकरी का फायदा –इस बारे में मनीष आगे कहते हैं कि नौकरी होने का यह फायदा भी होता है कि आपके पास एक सिक्योरिटी रहती है. अगर यहां सफल नहीं हुए तो क्या करेंगे जैसे ख्याल आपके दिमाग में नहीं आते. यह सेन्स ऑफ सिक्योरिटी बहुत अहम रोल अदा करती है. अगली जरूरी बात की दूसरे से खुद को कंपेयर करना बंद कर दें.

जिनके पास समय है वह इतना पढ़ रहे होंगे, हम नहीं पढ़ रहे हैं जैसी बातें दिमाग में न लाएं. इस बारे में मनीष एक बहुत ही बढ़िया बात कहते हैं कि समय के साथ यही खेल है कि जिनके पास है वे उसका सदुपयोग नहीं करते और जिनके पास नहीं है वह उसके न होने का रोना रोते हैं.

मनीष बताते हैं कि नौकरी करने वालों को न करने वालों की तुलना में चीजें थोड़ा ज्यादा प्लान करनी चाहिए. अपना पूरा शेड्यूल खासकर हॉलीडेज को वेल प्लान करें. किस दिन, क्या पढ़ेंगे सब तय होना चाहिए. इसके साथ ही अगर आपको ऑफिस से छुट्टी मिल सकती हो तो बीच-बीच में ऑफ लेकर पढ़ें.

जैसे शनिवार, रविवार बंद रहता है तो सोमवार की छुट्टी खुद बोल दें और तीनों दिन जमकर तैयारी करें. ऑफिस जाने के पहले कम से कम एक घंटा कुछ सॉलिड पढ़कर जरूर जाएं ताकि दिनभर उसे रिवाइज कर सकें. यह न्यूज पेपर नहीं होना चाहिए.

ज्ञान केवल किताबों में नहीं है आप हर जगह से सीख सकते हैं. इसलिए ऑब्जर्वेंट बनें और अपने आसपास की चीजों पर निगाह रखें. जहां सीखने का मौका मिले सीखें | इसके साथ ही ऑफिस में भी जब समय मिले तो ऑडियो सुनें या नोट्स बना लें. मनीष तो जिम भी जाते थे तो फोन पर नोट्स सुनते रहते थे. इस प्रकार वर्किंग प्रोफेशनल को मोमेंट्स चुराने पड़ते हैं इसलिए कोई भी मौका न गवाएं.

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