AddText 06 10 04.42.56

किसी निम्नवर्गीय परिवार के मुखिया अगर अपने जिन्दगी के आधी उम्र और तीस वर्षों की गाढ़ी कमाई अपने बच्चो के उपर लगा दे तो बच्चे के सफलता बाद उनको कितना ख़ुशी मिल सकता है ये शायद भगवान भी नही समझ सकते बल्कि केवल वो त्यागी पुरुष ही समझ सकते है.जिले के मुरलीगंज के एक छोटे गल्ला व्यवसाई की पुत्री आज बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित बिहार प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बन गयी है.पहले ही प्रयास में नेहा ने सफलता प्राप्त की है और वो फ़ूड सप्लायर इंस्पेक्टर के पद पर तैनात की जाएगी.

Also read: घर की आर्थिक स्थिति थी खराब पिता करते थे चीनी मील में काम, बेटी ने खूब मेहनत की और पास की UPSC परीक्षा बनी आईएएस अधिकारी

मुरलीगंज नगर पंचायत के वार्ड संख्या 5 गौशाला चौक पर भाड़े के मकान में गुजर बसर कर रहे एक छोटे गल्ला व्यवसायी पवन भगत की पुत्री नेहा ने बिना किसी कोचिंग के ही बीपीएसी की परीक्षा में उतीर्ण होकर सफलता का परचम लहरा दिया है । नेहा की इस सफलता से जहां उनके परिवारजनो में खुशी का माहौल है तो वही नेहा की सराहना शहर में की जा रही है ।

Also read: रिक्शा चलाकर-दूध बेचकर खूब संघर्ष करके बने मास्टर रिटायर हुए तो, गरीब बच्चे में बाँट दिए रिटायरी में मिले 40 लाख रूपये!

नेहा के पिता पवन भगत ने बताया कि वह 1990 में अपने पैतृक गांव जदुआपट्टी से मुरलीगंज काम के सिलसिले में आए जहां उन्होंने 5 वर्षों तक नौकरी की उसके बाद उन्होंने एक भाड़े के मकान में अपने पूरे परिवार के साथ रहकर छोटा सा गल्ला व्यवसाई शुरू किया और अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई उन्होंने अपने बच्चों पर लगा दी ।

Also read: पापा, IAS बन गया हूं…चिलचिलाती धुप में मजदूरी कर रहे थे पिता, आया बेटा का फ़ोन ख़ुशी के मारे खेत में ही निकले ख़ुशी के आंसू….पढ़िए कहानी

पवन भगत के तीन बेटी और एक बेटा है .सबसे बड़ी बेटी नेहा के बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि यह बचपन से ही मेहनती और पढ़ाकू थी यह जहां भी पढ़ती थी उनके शिक्षक हमें बताते थे कि आपकी बेटी काफी होनहार हैं तभी से हमने मन में ठान लिया और हमने अपने जीवन की गाढ़ी कमाई अपने बच्चों के पढ़ाई पर खर्च कर दी .उन्होंने बताया कि हमने बेटा और बेटी में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जिसका परिणाम आज मुझे मिला है।

वहीँ नेहा ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता भाई-बहन और गुरुजनों को देते हुए कहा कि इनके सपोर्ट से ही हमने यह सफलता पाई है . माता-पिता भाई-बहन का साथ और समर्थन और गुरुजनों के मार्गदर्शन के बिना यह सफलता नामुमकिन था । बताया गया कि शहर के सोनी मध्य विद्यालय से उन्होंने आठवीं तक की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद बीएल हाई स्कूल से उन्होंने मैट्रिक पास की और शहर के ही एल पी एम कॉलेज से उन्होंने इंटर की परीक्षा पास की है उसके बाद उन्होंने वोमेन्स कालेज पटना में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद वापस घर लौट आई । 

अपने ऑप्शनल के सम्बन्ध में वो बताती है कि सोशियोलॉजी को खुबी पढ़ी और मेंस में इसी विषय पर लिखी थी. विभिन्न youtube चैनल के सम्बन्ध में उन्होंने बताया कि सोशियोलॉजी ,पोलिटिकल साइंस  और इकनॉमिक्स के लिए sleepy classes ,जियोग्राफी के लिए टारगेट विथ आलोक, इतिहास के लिए हरी सिंह राजपूत, करेंट अफेयर्स के लिए स्टडी आई क्यू ,मेंस के लिए दृष्टि क्लासेस आदि के चेनल का सहयोग लिया.

एक सवाल कि मोबाइल से तो बच्चे बर्बादी की ओर जा रहे हैं पर कहती है कि इंटरनेट के जरिए मोबाइल में पूरी दुनिया है सिर्फ आपको करना है कि आपको अपना समय अच्छे कार्यों में इन्वेस्ट करना है या वेस्ट करना है.क्योंकि इंटरनेट पर इन्वेस्ट करने की भी सामग्री उपलब्ध है और टाइम वेस्ट करने की भी सामग्री उपलब्ध है तो इसलिए सही समय पर सही चीजों का चयन अति आवश्यक है और जिस तरह से आज देश में डिजिटल क्रांति आई है मेरे जैसे गरीब छात्रों को अगर डिजिटल क्रांति का सदुपयोग करें तो निश्चित ही सफलता मिलती है . 

नेहा बताती है कि जब वो घर आ गयी थी तयारी के लिए तब तक देश में जिओ मोबाइल कंपनी ने अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया था और इन्टरनेट सस्ता कर दिया था.वो बताती है कि जिओ के सस्ते इन्टरनेट और बढ़िया नेटवर्क ने हमे आज अधिकारी बना दिया है.उन्होंने युवाओं से आह्वान किया है कि सभी लोग मोबाइल और इन्टरनेट का सदुपयोग करें.सफलता की चाहत रखने वाले युवा युवती बिना भटके ,बिना कोचिंग के भी बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...