Site icon First Bharatiya

ऐतिहासिक जीत के बाद मीराबाई चानू बोलीं- सिर्फ मणिपुर की नहीं, मैं भारत की बेटी हूं

AddText 07 28 07.41.01

एक आत्मविश्वास भरी मुस्कान ने आज पूरे देश को खुशियों से भर दिया। मीराबाई चानू ने ओलंपिक में भारोत्तोलन में सिल्वर मेडल के साथ ही भारत के दो दशक से अधिक लंबे इंतजार को समाप्त कर दिया। एक खराब शुरुआत के बाद उसी मंच पर पांच साल की कड़ी मशक्कत से 49 किग्रा वर्ग में सिल्वर मेडल हासिल किया। अपनी ऐतिहासिक जीत के साथ उन्होंने देश के लिये एक शानदार उपलब्धि सुनिश्चित कर दी। भारत अभी के लिये पदक तालिका में दूसरे स्थान पर है।

Also read: Patna Metro News : राजधानी पटना वाला मेट्रो को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानिये कब से ट्रैक पर दौड़ेगी पहली मेट्रो ट्रेन

एक ऐसी उपलब्धि जो देश ने पहले कभी हासिल नहीं की। मणिपुर की लौह महिला ने 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक को पीछे छोड़ने के लिये कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) का भार उठाया। इसके साथ ही उन्होंने 2016 के ओलंपिक गेम्स की खराब यादों को पीछे छोड़ते हुये इस कोरोनाकाल में देश को मुस्कुराने की वजह दे दी।

Also read: Weather News : बिहार में हुई मुसलाधार बारिश अब इन जिला के लिए मौसम विभाग का नया अलर्ट, जानिये कहाँ-कहाँ होगी बारिश

चानू ने संवाददाताओं से कहा- मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच सालों से इसका सपना देख रही हूं। मुझे अभी खुद पर बहुत गर्व है। मैंने सोने की कोशिश की लेकिन सिल्वर भी मेरे लिये एक बड़ी उपलब्धि है। वह पिछले कुछ महीनों से अमेरिका में प्रशिक्षण ले रही थी। 2016 का अनुभव उनके करियर में एक वाटरशेड था और चानू ने इस बारे में बात की थी.

कि सबसे बड़े मंच पर अपनी शुरुआत के दौरान उन्होंने कितनी उलझन महसूस की थी। शनिवार को वो आत्मविश्वास से लबरेज थी। एकाग्रचित एथलीट, जिसके सामने गोल्ड एक लक्ष्य था। एक मणिपुरी के रूप में उसके लिये इसका क्या मतलब है, इस एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- मैं इन खेलों में भारत के लिये पहला पदक जीतकर बहुत खुश हूं। मैं सिर्फ मणिपुर से नहीं हूं, मैं पूरे देश की हूं।

Exit mobile version