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बचपन में लकड़ी उठाने वाली Mirabai Chanu अब ओलंपिक मेडल उठा लाई, रचा इतिहास, वेटलिफ्टिंग में दिलाया भारत को पहला पदक

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टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) ने इतिहास रच दिया. उन्होंने वेटलिफ्टिंग (Weightlifting) की 49 किलोग्राम कैटेगरी में सिल्वर जीत कर भारत को पहला मेडल दिला दिया.

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मीराबाई का मुश्किलों भरा सफर :-

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मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) आज कामयाबी की बुलंदियों पर है, लेकिन उनके लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है. उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी जद्दोजहद किया है. मुश्किलों से गुजरने के बाद मीराबाई ने ये मुकाम हासिल किया.

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एक वक्त ऐसा भी था जब मीराबाई चानू (Mirabai Chanu) के पास अच्छी डाइट के लिए पैसे नहीं थे. उन्होंने जब वेटलिफ्टिंग की ट्रेनिंग शुरू की थी, तब उनके घर की आर्थिक हालात ठीक नहीं थे. इस वजह से उन्हें कई बार अच्छी डाइट नहीं मिल पाती थी. उन्हें डाइट में रोज़ाना दूध और चिकन चाहिए था, लेकिन एक आम परिवार की मीरा के लिए ये नामुमकिन था.

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सिखोम मीराबाई चानू (Saikhom Mirabai Chanu) मणिपुर (Manipur) के इंफाल ईस्ट (Imphal East) की रहने वाली हैं. उनके गांव में ट्रेनिंग सेंटर नहीं था, वो 50-60 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग के लिए जाया करती थीं. मीराबाई ने इन मुश्किलों को कभी अपनी कामयाबी के आड़े आने नहीं दिया.

Input :- samastipur town

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