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वसीमा शेख – माँ सड़को पर बेचती थी चूड़िया भाई रिक्सा चलाता था, उसी घर के होनहार बेटी ने बदल दी सबकी किस्मत अपने मेहनत के बदौलत बनी डिप्टी कलेक्टर

दोस्तों अगर आपके अन्दर कुछ करने की क्षमता है तो दुनिया की कोई ताकत आपके हौसले को नहीं रोक सकता है चाहे बिच में गरीबी हो या कुछ किसी ने सच ही कहा है शिक्षा उस शेरनी का दूध है जो पिएगा वो दाहरेगा आज के खबर एक गरीब लड़की महाराष्ट्रा की रहने वाली है उसके ऊपर है.

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दरअसल उसका नाम वसीमा शेख है और वो महाराष्ट्र के नांदेर जिला के अंतर्गत एक छोटे से गाँव है जिसका नाम जोशी सांगवी है वहीँ की यह महिला रहने वाली है. और इनका जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था गरीबी के कारण इनके माता जी चूड़िया बेचती थी और भाई रिक्सा चलाता था.

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जिसके वजह से ये लोग सही से दो वक़्त की रोटी खा पाते थे. लेकिन वसीमा शेख ने अपने प्रस्थिति को समझी और उसने बचपन से ही अच्छे तरीके से पढना शुरू कर दी उसे पता था की अगर हम नहीं पढेंगे तो हमारे घर में कोई वैसा लोगनहीं है जो हमारे परिवार की हालत को सुधार सके.

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वसीमा शेख ने अपने बचपन की पढाई गाँव के ही स्कूल से पूरी की और उसके बाद इन्होने इंटर करने के बाद स्नातक में दाखिला ली और स्नातक के बाद नौकरी की तैयारिया करना शुरू कर दी वो कहते है न की मेहनत करने वाले को एक दिन में नहीं लेकिन एक दिन जरूर सफलता मिलती है.

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कुछ ऐसे ही हुआ वसीमा शेख के साथ आखिरकार वसीमा शेख को साल 2016 में महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में सफलता हाथ लगी और वासिमा शेख डिप्टी कलेक्टर बनी.

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