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पिता के गुजर जाने के बाद बेटे ने नहीं किया गाँव में भोज उसी पैसे से बनबा दिया पुल पूरा किया पिता की इच्छा

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दोस्तों हिन्दू धर्म में एक संस्कृति कहे तो रीतिरिवाज हैं की किसी के मरने के पश्चात् उसका विधिवत सभी कार्य किया जाता है उसी कार्य में से एक कार्य ऐसा भी है की आस-पड़ोस गाँव मोहल्ला के लोग को भोज भी खिलाया जाता है यह प्रथा सदियों से चली आ रही है…

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दोस्तों यह खबर बिहार की है जहाँ एक पिता के देहांत के बाद बेटे ने गाँव में भोज करने के बजाय गाँव में एक पुल जो की काफी समय से टुटा हुआ था और उससे आने-जाने में लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता था दरअसल उस पुल को बनबा दिया.

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पूरा मामला है बिहार के मधुबनी जिले की जहाँ एक गाँव में पेशे से एक शिक्षक जिनका नाम महादेव झा था जिनका निधन किसी कारण वस हो गया और मृत्यु होने के बाद बेटे ने गाँव में भोज करने के बजाय पिता के अधुरा सपना को बेटे सुधीर झा ने पूरा किया दरअसल बताया जाता है की उनके पिता बेटे को बताये हुए थे की इस पूल को बनबाना है.

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महादेव झा तो अपने जिंदगी में उस पूल को नहीं बनबा पाए लेकिन उनके मरने के पश्चात् उनके बेटे सुधीर झा ने उस पूल को बना दिया दोस्तों सुधीर झा को इस कार्य के लिए लोग खूब तारीफ़ भी कर रहे है. और कह रहे है की बेटे हो तो सुधीर झा जैसे जो अपने पिता के सपने को पूरा कर सके.

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दोस्तों सुधीर झा के इस कार्य के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है हमें कमेंट करके जरूर बताये

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