Site icon First Bharatiya

पटना हाईकोर्ट में कोरोना से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग अब चीफ जस्टिस की खण्डपीठ करेगी, अब तक सुनवाई कर रही खण्डपीठ को किया गया अलग

1620228606703

बिहार में कोरोना संक्रमण से जुड़े मामलों की मॉनिटरिंग पटना हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की खंडपीठ करेगी. अब तक इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ को कोरोना से जुड़े जनहित याचिकाओं पर सुनवाई से अलग कर दिया गया है. 

Also read: Vande Bharat Express : भागलपुर – हावड़ा के बीच चलाई जायेगी वन्दे भारत एक्सप्रेस, बचेंगे समय मिलेगी लग्जरी सुविधा, जानिये….

बिहार में कोरोना मामले पर सुनवाई करने वाली पटना हाई कोर्ट की खण्डपीठ बदल दी गयी है. पिछले महीने 15 अप्रैल से अब तक इस मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खण्डपीठ अब आगे सुनवाई नहीं करेगी.

Also read: सोमवार की सुबह सोने की कीमत में हुई बड़ी गिरावट जान लीजिये आपके क्षेत्र में क्या है ताजा भाव पूरी खबर…

बुधवार को जारी नोटिस के मुताबिक इन मामलों की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस.  कुमार की खण्डपीठ करेगी. 

Also read: Gold-Silver Price Today: गिर गया सोना का भाव तो महंगा हुई चांदी जानिये क्या है गोल्ड-सिल्वर की 10 ग्राम की कीमत

आपको बता दें कि सोमवार को बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़ते हालात पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ा एतराज जताया था और राज्य सरकार से पूछा कि लॉकडाउन लगाने की क्या तैयारी है.

Also read: खुशखबरी : बिहार में एका-एक इतना रुपया सस्ता हुआ डीजल और पेट्रोल जानिये क्या है ताजा कीमत

न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह और न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से सरकार के सिस्टम को फ्लॉप बताया था और महाधिवक्ता से कहा था कि कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं है. 

कोर्ट की इस कड़ी टिप्पणी के बाद अगले ही दिन मंगलवार को नीतीश सरकार ने बिहार में 15 मई तक कम्पलीट लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया. इन सब के बीच पटना हाईकोर्ट ने एक बार फिर से मंगलवार को ही राज्य सरकार को फटकार लगाई.

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बावजूद भी बिहार में स्थिति में सुधार नहीं है.

मंगलवार को सुनवाई के दौरान पटना उच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए मौखिक रूप से कहा कि 15 अप्रैल से आदेश पर आदेश दिया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी 15 से 30 अप्रैल तक लोगों का मरना बदस्तूर जारी रहा.

कोर्ट ने कहा कि सरकार ने क्या किया. बिहार में स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है. कोर्ट ने कहा कि क्यों नहीं पुणे स्थित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की मदद लें. इतनी बात कहने के बाद कोर्ट ने 6 मई को सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी.

Exit mobile version