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बिहार के लाल ने किया कमाल इसरो में लहराया बिहार का परचम बनेंगे साइंटिस्ट हो रही काफी तारीफ़

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बिहार के पूर्णिया के बेटे आशुतोष कुमार ने पूरे भारत देश में बिहार और पूर्णिया का नाम रोशन किया है। आशुतोष का ISRO में वैज्ञानिक के तौर पर चयनित किया गया है। बिहार के लाल आशुतोष ने ISRO में मैकेनिकल साइंटिस्ट पद के लिए 2019 में विज्ञापन निकाला गया था। देश के करीब 70 हजार प्रतिभागियों ने 2020 में एग्जाम दिया था।

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इनमें से 1 हजार प्रतिभागियों का सिलेक्शन किया गया जिनमें बिहार के लाल आशुतोष शामिल हैं। बिहार के पूर्णिया जिलेके रहने वाले आशुतोष ने बताया कि 30 सितंबर 2021 को रिजल्ट जारी हुआ है जिसमें उन्हें 22वां रैंक मिला है। बिहार के हीरो आशुतोष ने बताया कि जॉइनिंग नवंबर तक होगी और उसके बाद विभाग काम का निर्धारण करेगी।

70 हजार में मिला 22वां स्थान

बिहार के लाल आशुतोष को ISRO में वैज्ञानिक के तौर पर चयनित किया गया है, साल 2019 में ISRO में मैकेनिकल साइंटिस्ट पद के लिए विज्ञापन निकला था जिसके बाद देश के करीब 70 हजार प्रतिभागियों ने 2020 में एग्जाम दिया था। करीब 1 हज़ार चयनित प्रतिभागियों में बिहार के पूर्णिया के आशुतोष भी शामिल है जिनको 22वां रैंक मिला है। बिहार के पूर्णिया के रहने वाले आशुतोष ने बताते है आज मेरे लिए बहुत ख़ुशी का दिन है आज मेरा वर्षो का सपना सच हो गया |

सुनिए आशुतोष की पिता का राय

बिहार के लाल आशुतोष के पिता विनय प्रकाश झा कहते हैं कि उसने काफी संघर्ष कर आशुतोष को पढ़ाया है. लॉकडाउन में जब उनकी माली हालत काफी खराब हो गई तो आशुतोष ने दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी कर अपनी पढ़ाई भी की और घर को भी संभाला |

आज आशुतोष ने इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देश भर में 22 वां रैंक लाकर उन लोगों का सिर ऊंचा किया है. उनकी बेटी ने भी अपने पहले ही प्रयास में बीपीएससी पीटी में सफलता प्राप्त की है. आशुतोष की बहन राखी ने कहा कि वो लोग चाहते हैं कि उनका भाई इसरो साइंटिस्ट के रूप में कुछ बड़ा काम करें और डॉक्टर कलाम की तरह देश को आगे बढ़ाए |

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