aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 11

विज्ञान दिन प्रतिदिन बहुत डेवलप कर रहा है आज दुनिया में हर चीज के लिए मशीनीकरण का व्यवस्था किया जा रहा है |जो जितना ही मानव प्रजाति के लिए साकार साबित हो रहा है| वह उतना ही हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाता है |

ऐसे में अब सभी मुद्दों को अहमियत देते हुए देश विदेश के विज्ञानिक अब नई किस्म की क्लीन एनर्जी बनाने का जुगाड़ कर रही है | हम आपको बता दें कि अब ऐसी बिजली का आविष्कार किया जा रहा है जो कि दूसरा सूरज कहलायेगा और उम्मीद की जा रही है | कि यह सूरज का निर्माण भविष्य में बहुत फायदेमंद साबित होगा |

हम आपको जानकारी के लिए बता दे की इस सूरज का निर्माण सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि भारत के अलावा भी कई लगभग 30 से ऊपर देश मिलकर इसका निर्माण में अहम भूमिका प्रदान कर रही है | आइए जानते हैं आखिर क्या खासियत होगी नए सूरज की और कितने रुपए लगेगी |

हम आपको बता दें कि वह सूरज बनाने की प्रक्रिया आज से नहीं बल्कि 10 वर्ष पूर्व से ही किया जा रहा है | और अभी भी कार्य प्रगति पर है | इससे फ्यूज़न रिएक्शन को कण्ट्रोल करके उसकी शेप देने में काफी मदद मिलेगी. इतना ही नहीं बल्कि इसके निर्माण से स्वच्छ उर्जा का निर्माण होगा.|

इस प्रोजेक्ट को का एक खासियत यह भी है कि यह बहुत ताकतवर होगा | इसमें हाइड्रोजन प्लाज्मा गैस को१५० milion डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जा सकता है | जो कि सूरज के अंदर वाले हिस्से से लगभग 10 गुना से भी ऊपर अधिक गर्म होगा | इतना ही नहीं इसके अलावा इस मशीन को चलाने से ग्रीन हाउस का उत्सर्जन होगा | और ना ही इसे रेडियो एक्टिव कचरा निकलेगा | कुल मिलाकर इतना कह सकते हैं कि या उपकरण से हमारा पर्यावरण साफ रहेगा | शायद यही कारण है कि यह प्रोजेक्ट पृथ्वी का दूसरा सूरज कहलायेगा |

 इसकी एक खासियत यह भी है कि इसके अंदर एक हज़ार फीट लंबा और एक लाख टन का एयरक्राफ्ट लगाया जायेगा जोकि 6 फीट तक की हवा में उठाने की क्षमता रखता है. इस प्रोजेक्ट को फ़िलहाल कैलिफ़ोर्निया में बनाया जा रहा है लेकिन जल्दी इसे फ़्रांस शिफ्ट किया जायेगा. यानि 2023 तक यह इंस्टाल कर दिया जायेगा. इसमें अब तक 24 बिलियन डॉलर्स तक के खर्चे का अनुमान लगाया जा रहा है. यानि भारतीय करंसी के मुताबिक इसकी लागत 17 खरब रूपये होगी.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...