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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज खाने के तेल की कीमतों को काबू करने से जुड़ा बड़ा फैसला हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीसीईए (CCEA-Cabinet Committee on Economic Affairs ) की बैठक में आज खाने की तेल कीमतों को सरकार नेशनल एडिबल ऑयल मिशन का ऐलान कर सकती है. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य देश में पाम ऑयल उत्पादन को बढ़ावा देना है. इस मिशन के तहत सरकार 11 हजार करोड़ के आवंटन का ऐलान कर सकती है.

आपको बता दें कि पाम तेल उत्पादन में इंडोनीशिया दुनिया में नंबर एक पर है. दूसरे नंबर पर है मलेशिया है. कुछ अफ्रीकी देशों में भी इसका उत्पादन होता है. खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है. भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है.भारत में इंडोनीशिया और मलेशिया दोनों ही देशों से पाम ऑयल का आयात किया जाता है.

किन देशों से भारत खरीदता है खाने का तेल

भारत में पाम ऑयल को प्रमुख तौर पर इंडोनेशिया और मलेशिया से होता है. अर्जेंटीना से भी कुछ मात्रा में क्रूड सॉफ्ट ऑयल का आयात होता है. इसके अलावा यूक्रेन और रूसे से सूरजमुखी के तेल का आयात होता है.

पाम ऑयल के बारे में जानिए

पाम ऑयल वनस्पति तेल है. दुनिया में इसका व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल होता है. होटल, रेस्तरां में भी पाम तेल का इस्तेमाल खाद्य तेल की तरह होता है. इसके अलावा कई उद्योगों में इसका इस्तेमाल होता है.

नहाने वाले साबुन बनाने में भी पाम तेल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है.पाम तेल ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है. इसमें कोई महक नहीं होती.

जिसकी वजह से हर तरह का खाना बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है. यह बहुत ऊंचे तापमान पर पिघलता है. इसमें सैचुरेटेड फैट बहुत अधिक होता है.

यही वजह है कि इससे मुंह में पिघल जाने वाली क्रीम और टॉफी-चॉकलेट बनाये जाते हैं. फिलहाल दुनियाभर में 8 करोड़ टन के आसपास पाम ऑयल पैदा होता है.

पिछले हफ्ते राज्यसभा में खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने खाद्य तेल की बढ़ी हुई कीमतों को कम करने के लिए किए जा रहे सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी थी.

उन्होंने बताया कि ‘खाद्य तेलों की कीमतों को कम करने के लिए, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर शुल्क में 30 जून 2021 से 30 सितंबर 2021 तक 5 प्रतिशत की कटौती की गई है.

इस कमी ने सीपीओ पर प्रभावी कर की दर को पहले के 35.75 प्रतिशत से घटाकर 30.25 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा, रिफाइंड पाम तेल/पामोलिन पर शुल्क 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत कर दिया गया है.’

चौबे ने बताया कि रिफाइंड ब्लीच्ड डियोडोराइज्ड (आरबीडी) पाम तेल और आरबीडी पामोलिन के लिए एक संशोधित आयात नीति 30 जून, 2021 से लागू की गई है, जिसके तहत इन वस्तुओं को प्रतिबंधित से मुक्त श्रेणी में स्थानांतरित कर दिया गया है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...